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जमीन हड़पने, आय से अधिक संपत्ति व ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में सुशील मोदी, बबलू और राय पर शिकंजा करेगी बिहार सरकार

पटना 

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी, विधायक नीरज कुमार बबलू और पूर्व भूमि सुधार एवं शिक्षा मंत्री राम सूरत राय जैसे भाजपा नेताओं पर राजद ने अपना ध्यान केंद्रित किया है। सुशील मोदी जमीन हड़पने के आरोप का सामना कर रहे हैं। नीरज कुमार बबलू आय से अधिक संपत्ति के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि राम सूरत राय राज्यमंत्री रहते हुए सर्कल अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
पिछले शुक्रवार को राजद विधायक रामानंद यादव ने पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर जमीन हड़पने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा सुशील मोदी बिहार के सबसे श्दबंगश् और श्बाहुबलीश् नेता हैं, जिन्होंने एक ईसाई परिवार की जमीन हड़प ली और एक मॉल बनवाया। यादव ने कहा कि सुशील कुमार मोदी ने लोदीपुर और खेतान बाजार में जमीनें हड़पी। हम उनकी पत्नी, भाई और भाई की पत्नी और खुद के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच करेंगे।
यादव ने कहा लोदीपुर में जमीन के मालिक दो व्यक्ति हैं और इसका एक मालिक दिल्ली में रहता है। फिर भी सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम रहते हुए ईसाई परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। परिसर में एक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान था। हम मामले की जांच करेंगे। हालांकि, सुशील मोदी ने दावा किया कि उनका या उनके परिवार का इन दोनों जमीनों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद नेता से इन दोनों मामलों में मेरी भूमिका को साबित करके दिखाए।
सुशील मोदी ने कहा मैं राजद नेता को चुनौती देता हूं कि वह इन दोनों जमीनों से मेरे संबंध या मेरी भूमिका को साबित करें। अगर यह साबित हो जाता है, तो मैं ये जमीनें लालू प्रसाद के परिवार को देने को तैयार हूं। अगर राजद नेता साबित नहीं कर सके, तो मैं चाहता हूं कि वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मैं उसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।
पूर्व पर्यावरण एवं वन मंत्री नीरज कुमार बबलू आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप का सामना कर रहे हैं, जिसकी जांच आयकर विभाग कर रहा है। सूत्रों ने कहा है कि भाजपा नेता के खिलाफ जांच के लिए राजद नेता पर्दे के पीछे छिपकर आदेश जारी कर रही हैं।
बबलू ने 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग के पास दायर अपने हलफनामे में कथित तौर पर अपनी संपत्ति छिपाई थी। आईटी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कथित तौर पर अपनी वास्तविक आय को छुपाते हुए 2020-21 के लिए अपना आईटी रिटर्न दाखिल किया था।