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स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर कर्नाटक ने मेडिकल कॉलेज में दिया धरना

 

अल्मोड़ा

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने आज अपनी समर्थकों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना दिया तथा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की पुरजोर मांग की। उन्होंने प्राचार्य को उनके कक्ष में ही बंद कर दिया। इस अवसर पर धरने को संबोधित करते हुए कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की स्थापना यहां इसलिए करवाई गई थी कि अल्मोड़ा सहित रानीखेत, द्वाराहाट, पिथौरागढ़, धारचूला, मुनस्यारी, चंपावत, डीडीहाट सहित समस्त पर्वतीय क्षेत्र के लोगों को अल्मोड़ा में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। लेकिन मेडिकल कॉलेज के नाम पर बनी कंक्रीट की बिल्डिंग आज लोगों को सामान्य उपचार देने में भी असफल साबित हो रही है। कर्नाटक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में प्रसव के लिए आ रही महिलाओं को चिकित्सक उन्हें बिना जांचे परखे सीधे हल्द्वानी रेफर कर दे रहे हैं। सायं चार बजे बाद जितने दुर्घटना आदि के मरीज आ रहे हैं उन्हें इमरजेंसी कक्ष से ही हल्द्वानी रेफर कर दिया जा रहा है जो मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को स्पष्ट प्रदर्शित करता है। कर्नाटक ने कहा कि प्राचार्य कहते हैं कि जनवरी प्रथम सप्ताह से मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक प्रारंभ हो जाएगा लेकिन आज आठ माह बाद भी मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक शुरू नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यदि प्राचार्य मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगातार असफल साबित हो रहे हैं तो वे जनहित में अपने पद से इस्तीफा दे दें। कर्नाटक ने कहा कि यदि अक्टूबर माह के द्वितीय सप्ताह तक इन सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो वह अक्टूबर माह के तृतीय सप्ताह में आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन की होगी। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के आश्वासन के बाद धरना स्थगित हुआ। धरने में लीलाधर काण्डपाल, पूरन चन्द्र तिवारी, रमेश चंद्र जोशी, जगदीश चन्द्र तिवारी, हयात सिंह बिष्ट, दिनेश चंद्र जोशी, देवेन्द्र कर्नाटक, दीपक पोखरिया, गणेश लाल, कमल बिष्ट, रोहित शैली, राकेश बिष्ट, हेम जोशी, असलम खान, वीरेंद्र कार्की आदि उपस्थित रहे।