उत्तराखण्ड

वर्ष 2020 में एसजीआरआर इंटर कॉलेज, सहसपुर में तीन पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितता का मामला

देहरादून (ईएमएस)। जन संघर्ष मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पिन्नी ने कहा है कि वर्ष 2020 में एसजीआरआर इंटर कॉलेज, सहसपुर में तीन पदों पर भर्ती प्रक्रिया में हुई गंभीर अनियमितता को लेकर मोर्चा द्वारा सूचना आयोग में अपील योजित की गई थी, जिसमें सुनवाई के दौरान तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) ने सूचना आयोग में बयान दिया था कि भर्ती प्रक्रिया के समय विज्ञापन प्रदेशीय संस्करण में विज्ञापित कराया गया था तथा जन संघर्ष मोर्चा द्वारा झूठी शिकायत की गई। उन्होंने कहा कि मोर्चा अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायेगा। उन्होंने कहा कि मामले का संज्ञान लेते हुए मा. सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने 24 मार्च 23 को विज्ञापित संस्करण की जांच के निर्देश दिए थे, जिसके क्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून प्रदीप कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी, सहसपुर को प्रकरण की जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के उपरांत खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट तीन जुलाई 2023 में उल्लेख किया कि भर्ती प्रक्रिया में व्यापक धांधली हुई है तथा विज्ञापन मात्र गढ़वाल संस्करण में प्रकाशित कराया गया, जोकि नियमावली का घोर उल्लंघन है। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि मामला वर्ष 2019-20 का है, जिसमें एसजीआरआर इंटर कॉलेज प्रबंधन द्वारा तीन पदों यथा एक पद प्रवक्ता तथा दो पद सहायक अध्यापक के विज्ञापित कराए गए थे तथा विद्यालय प्रबंधन द्वारा साजिशन विज्ञापन प्रदेशीय संस्करण में प्रकाशित कराने के बजाय मात्र गढ़वाल संस्करण में प्रकाशित कराया गया, जिस कारण हजारों अभ्यर्थी प्रतिभाग करने से वंचित रह गए थे। उन्होंने कहा कि मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के संज्ञान में मामला आने पर उनके द्वारा मुख्य सचिव से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई, जिस पर कार्रवाई करते हुए मुख्य सचिव ने सचिव, शिक्षा को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके उपरांत उस दौरान की मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने स्वयं विद्यालय पहुंचकर हो रहे साक्षात्कार का मुआयना किया। उन्होंने कहा कि उस समय साक्षात्कार की वीडियोग्राफी नहीं हो रही थी तथा अन्य गंभीर अनियमितता पाई गई, जिसके क्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने भर्ती प्रक्रिया निरस्त करते हुए पुनः विज्ञापन प्रदेशीय संस्करण में प्रकाशित कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वार्ता में अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।