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दारमा संघर्ष समिति ने डेम के विरोध में प्रदर्शन

पिथौरागढ़

धारचूला दारमा घाटी में प्रस्तावित बोकांग बालिंग जल विद्युत परियोजना का विरोध में दारमा संघर्ष समिति ने 90 किमी दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है आपदा की मार झेल रहे क्षेत्र में डेम निर्माण का निर्णय सरासर गलत है। अगर डेम बना तो यहां भी जोशीमठ जैसी स्थिति से लोगों को जूझना होगा। कहा डेम को किसी भी सूरत में बनने नहीं दिया जाएगा। शुक्रवार को दारमा संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूरन ग्वाल के नेतृत्व में ग्रामीण नगर के टकाना स्थत कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। अध्यक्ष ग्वाल ने कहा कि पहाड़ों में हो रहा अनियोजित निर्माण कार्य विनाश का कारण बन रहा है। जोशीमठ इसकी जीता जागता उदाहरण है। बावजूद इसके सरकार दारमा घाटी में भी डैम बना रही है। बकाएदा टनल का कार्य तक शुरू हो गया है। अगर डैम बना तो भविष्य में यहां के भी पांच गांवों पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे। यहां रहने वाले परिवारों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ेगा। कहा यह जल, जंगल, जमीन ही उनके आय के स्रोत हैं। बांध बना तो उनकी इस धरोहर का विनाश हो जाएगा।