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क्राइम डेटा शेयर करने में फिसड्डी हैं बिहार-बंगाल

नई दिल्ली

मानव तस्करी सहित गंभीर अपराध के मामलों में अंतरराज्यीय समन्वय बढ़ाने की कोशिश में केंद्र ने ऐसे राज्यों को सुस्ती छोड़ने को कहा है जो सूचनाएं साझा करने में गर्मजोशी नहीं दिखाते। केंद्र ने ऐसे राज्यों से कहा है कि वे आतंकवाद, नक्सलवाद के अलावा मानव तस्करी और अन्य गंभीर आपराधिक मामलों से जुड़ी सूचनाएं पोर्टल पर साझा करें। कम सात राज्यों और कुछ केंद्र शासित प्रदेश ने मानव तस्करी सहित गंभीर आपराधिक घटनाओं पर सूचना साझा करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच कार्रवाई का समन्वय करने के लिए बने केंद्र के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सूचनाएं साझा नहीं की हैं। क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर को साल 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ अपराध और अपराधियों के बारे में 24 घंटे जानकारी साझा करने और उनके बीच सूचना के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए लॉन्च किया था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा चलाए जा रहे ऐप का उद्देश्य देशभर में अपराध की घटनाओं का जल्द पता लगाने और रोकथाम में मदद करना है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि मार्च 2020 में पोर्टल लॉन्च होने के बाद से क्रि-मैक क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर पर दिल्ली, असम और हरियाणा ने पोर्टल पर सबसे अधिक अलर्ट अपलोड किए। वहीं, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश दादरा, नगर हवेली और दमन और दीव ने एक भी अलर्ट अपलोड नहीं किया है।