चीन ने जयशंकर के बयान का किया समर्थन
बीजिंग
सीमा विवाद को लेकर चीन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान से सहमति जताई कि अगर दोनों पड़ोसी देश हाथ नहीं मिलाते हैं तो एशियाई सदी संभव नहीं हो सकती है। चीन ने जोर देते हुए यह भी कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच ‘‘मतभेदों से कहीं अधिक साझा हित हैं। जयशंकर ने बैंकॉक में प्रतिष्ठित चुलालांगकोर्न विश्वविद्यालय में ‘हिंद-प्रशांत का भारतीय दृष्टिकोण विषय पर व्याख्यान देने के बाद प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा था कि एशियाई सदी तब होगी जब चीन और भारत साथ आएंगे। उन्होंने कहा था कि यदि भारत और चीन साथ नहीं आ सके तो एशियाई सदी मुश्किल होगी। विदेश मंत्री ने कहा था, ‘‘चीन ने सीमा पर जो किया है, उसके बाद इस समय (भारत-चीन) संबंध अत्यंत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से गतिरोध बरकरार है। पैंगोंग झील क्षेत्र में पांच मई 2020 को हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बात हो चुकी है। भारत लगातार यह कहता रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है।
जयशंकर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया के लिए आग्रह किये जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि चीन और भारत का विकास नहीं होता है तो एक एशियाई सदी नहीं हो सकती।