ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में अग्नि सिद्धांत पर सेमिनार का आयोजन आज से
हरिद्वार
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल परिसर एवं ऑल इंडिया आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट (पी.जी.) एसोसिएशन द्वारा ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज में आयुर्वेद चिकित्सा सिद्धांत अग्नि -व्यापार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार से शुरू हो रहे अधिवेशन में देश भर से चिकित्सक व आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्र के छात्र भाग लेंगे।
ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज के काय चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष एवं आयोजन समिति के सचिव प्रो.डा.ओपी सिंह ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि काय चिकित्सा विभाग द्वारा परिसर निदेशक प्रो.डी.सी.सिंह के निर्देशन में पंडित मदन मोहन मालवीय ऑडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे सेमिनार में देश के विभिन्न प्रांतो के आयुर्वेद विशेषज्ञ अग्नि व्यापार विषय पर अपने विचार रखेंगे तथा शोधार्थियों द्वारा कई शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रो.डा.ओपी सिंह ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान में अग्नि सिद्धांत का विशेष महत्त्व है। शरीर में होने वाले अधिकतर रोगों का मूल कारण मंद अग्नि ही है। इसलिए अग्नि को कैसे सम अवस्था में रखें से सम्बंधित विषयों पर सेमिनार में चर्चा की जायेगी। सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथी पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण, विशिष्ट अतिथी उत्तर प्रदेश आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं के निदेशक प्रो.एस.एन.सिंह, उत्तराखण्ड आयुर्वेद एवं यूनानी सेवाएं के निदेशक अरूण कुमार त्रिपाठी, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुनील कुमार जोशी के उद्बोधन से होगा। द्वितीय सत्र में 9 वैज्ञानिक सेशन होंगे। जिनमें प्रत्येक कीनोट्स स्पीकर के उदबोधन के बाद विभिन्न शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके बाद शाम 6 बजे से ऋषिकुल के छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। दूसरे दिन सत्र की शुरूआत स्टूडेंट्स क्वीज के कार्यक्रम से होगी। इसके बाद कुल 12 वैज्ञानिक सत्र में प्रत्येक कीनोट्स स्पीकर के उदबोधन के बाद शोधार्थियों द्वारा विभिन्न शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे। कार्यक्रम के समापन के बाद संगठन का वार्षिक मिलन कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। प्रैसवार्ता में डा.राजेंद्र प्रसाद, डा.ऋजु अग्रवाल, डा.रमाकांत यादव, डा.संजय कुमार त्रिपाठी, डा.शोभित कुमार वार्ष्णेय, डा.वेदभूषण शर्मा, डा.राजीव कुरैले आदि उपस्थित रहे।