क्या आप भी रहती हैं कंफ्यूज कि कौन सा वैक्स अपनाएं, जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी
महिलाएं अपनी खूबसूरती बरकरार रखने के लिए कई जातां करती हैं जिसमें से एक हैं वैक्सिंग (ङ्खड्ड&द्बठ्ठद्द) जिसमें शरीर पर मौजूद अनचाहे बालों को हटाया जाता हैं। वैक्सिंग से बालों की ग्रोथ भी धीरे-धीरे कम हो जाती है एवं स्किन भी मुलायम और चिकनी हो जाती हैं। कई महिलाएं इसे पार्लर में करवाती हैं तो कुछ इसे घर पर ही करती हैं। लेकिन अक्सर देखा गया हैं कि बाजार में कई तरह की वैक्सिंग मिलने की वजह से महिलाऐं कंफ्यूज रहती हैं कि किस वैक्सिंग का इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में आज इस कड़ी में हम आपके लिए जरूरी जानकारी लेकर आए हैं जो आपको बताएगी कि आपकी स्किन के साथ ही उपयोग के लिहाज से कौनसी वैक्सिंग सही रहेगी। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।।।
हॉट और कोल्ड वैक्स
हॉट वैक्स को बनाने के लिए चीनी, नींबू या शहद, नींबू का प्रयोग किया जाता है। ये अधिक तापमान पर पिघल जाती है और ठंडे होने पर स्किन पर ड्राई हो जाती है। इस पर खास तरह की पट्टियों को रखकर दबाया जाता है और फिर बालों के बढऩे की दिशा में झटके से खींचा जाता है। यह सबसे लोकप्रिय तरीका है। वहीँ कोल्ड वैक्स पैराफिन वैक्स और रेसिन जैसी इंग्रीडिएंट से बनाई जाती है। आप इसे रेडीमेड बाजार से खरीद सकते हैं। अगर अधिक मात्रा में वैक्सीन करना हो तो कोल्ड वैक्स ज्यादा असरदार होती है।
सॉफ्ट वैक्सिंग
इसे स्ट्रिप वैक्सिंग के नाम से भी जाना जाता है। सॉफ्ट वैक्स के नाम से ही जाहिर होता है कि ये वैक्सिंग तब की जाती है जब वैक्स बहुत सॉफ्ट हो। यह वैक्स ठंडे और गर्म, दोनों तरह से महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं। सॉफ्ट वैक्सिंग के दौरान पहले स्टिक या रोलर से वैक्स को त्वचा पर लगाया जाता है और फिर मुलायम कपड़े से कवर कर दिया जाता है और जब कपड़ा हटाया जाता है तो आपकी त्वचा के अनचाहे बाल भी हट जाते हैं। हाथ और पैरों के वैक्स के लिए यह तरीका बहुत अच्छा है। यह वैक्स यूज करने के बाद आपकी स्किन ग्लो करती हुई नजर आती है।
हार्ड वैक्सिंग
अगर आप कम टाइम में वैक्सिंग कराना चाहती हैं तो हार्ड वैक्सिंग इसके लिए बहुत मुफीद मानी जाती है। सेंसिटिव स्किन के लिए यह वैक्स काफी अच्छा माना जाता है। इसमें त्वचा से वैक्सिंग करते हुए बाल हटाने के लिए किसी तरह के कपड़े या स्ट्रिप का यूज नहीं करना पड़ता। हार्ड वैक्सिंग करने के दौरान वैक्स को गर्म किया जाता है। इससे हार्ड वैक्स पिघल जाता है। इस वैक्स को लिक्विड फॉर्म में स्किन पर लगाया जाता है और ठंडा होने के साथ ही ये हार्ड होने लगता है। हार्ड होने के बाद वैक्स को उंगलियों से धीरे-धीरे पकड़ें और झटके से हटा दें। हार्ड वैक्स बालों को पूरी तरह से कवर कर लेती है और छोटे-छोटे बाल भी इससे आसानी से निकल जाते हैं। यह वैक्सिंग स्किन को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाती है।
वैक्स के टाइप
चीनी नींबू वैक्स
यह एक नेचुरल वैक्सिंग है जिसे कई ब्यूटी सैलून खुद तैयार करते हैं। इसे चीनी और नींबू से तैयार किया जाता है। इसे प्रयोग करते समय यह ध्यान देना जरूरी होता है कि वैक्स ज्यादा गर्म न हो क्योंकि इससे स्किन पर जलन हो सकती है। प्राकृतिक चीजों से बनी होने के कारण यह स्किन के लिए फायदेमंद होती है और इसका नुकसान नहीं होता। यह टैन को दूर करने में भी मदद करती है।
लिपो-सॉल्यूबल वैक्स
ये वैक्स ऑयल बेस्ड होती है। बालों की रूट पर तो इनकी ग्रिप अच्छी होती ही है, साथ ही ये स्किन पर भी डेलीकेट होती हैं। इस वैक्स को इस्तेमाल करने से पहले स्किन पर ऑयल लगाया जाता है और बालों को रिमूव करने के लिए छोटी-छोटी स्ट्रिप्स यूज की जाती हैं। ये वैक्स बहुत गर्म भी हो जाए, तो भी स्किन को कोई नुकसान नहीं होता है।
चॉकलेट वैक्स
इसमें कोको बीन्स या डार्क चॉकलेट का प्रयोग किया जाता है। यह स्किन के लिए काफी फायदा होता है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो एंटी-एजिंग का काम करती है। चॉकलेट स्किन को मुलायम और कोमल बनाती है जबकि कोको बीन्स एंटी- इंफ्लेमेंटरी गुण से भरपूर होते हैं। चॉकलेट वैक्सिंग करने से सूजन कम होती है और रेडनेस नहीं आती। इसके प्रयोग से दर्द भी कम होता है। इसकी खुशबू से ‘फील-गुड’ महसूस होता है।
फ्रूट वैक्सिंग
हार्ड वैक्स की तरह सेंसिटिव स्किन के लिए फ्रूट वैक्स भी काफी उपयुक्त रहती है। इसमें बैरीज और प्लम जैसे फ्रूट्स के एक्सट्रेक्ट्स होते हैं, जिसका अर्थ ये है कि ये वैक्स एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है और त्वचा को नरिश करता है। यह वैक्स स्किन पर पूरी तरह से कोमल बना रहता है। हालांकि थोड़ा महंगा होता है, लेकिन यह स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिहाज से परफेक्ट है।
एलोवेरा वैक्स
एलोवेरा स्किन को मॉइस्चराइज करता है और स्किन को कोमल बनाता है। एलोवेरा में एंटी- इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे वैक्सिंग के दौरान दाने या रैश नहीं होते। इसे कम तापमान में भी किया जा सकता है।