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श्रीलंका में फिर बवाल, सेना को मिले विशेष अधिकार- सडक़ों पर उतारे गए टैंक

कोलंबो

श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ जुटी हुई है। सभी प्रदर्शनकारी देश के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का विरोध करने के लिए राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर डेरा डाले हुए हैं। विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। रानिल पर अब देश की गिरती अर्थव्यवस्था को बचाए रखने, पैदा हुई अशांति को कम करने और श्रीलंका को एक बार फिर एकजुट करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जनता का मानना है कि पहले ही गंदी राजनीति के कारण श्रीलंका बदहाल हो चुका है। ऐसे में वापस विक्रमसिंघे को देश की बागडोर देना आर्थिक कठिनाइयों को और बढ़ाएगा।
कोलंबो में श्रीलंकाई राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी रानिल विक्रमसिंघे की राष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। इसको देखते हुए परिसर के बाहर सैनिकों की भारी तैनाती की गई है। सडक़ों पर टैंक उतार दिए गए हैं। सैन्य बल प्रदर्शनकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई कर रहा है। उनके तंबू तोड़े जा रहे है। हालांकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों ने सचिवालय के बाहर बैरिकेडिंग की हुई है। इस दौरान कई बार प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच भारी टकराव हुआ, लेकिन प्रदर्शनकारी अब भी अपनी जगह पर बने हुए हैं। रानिल विक्रमसिंघे की नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जुटी भीड़ के कई अस्थायी टेंट सुरक्षाबलों ने हटाए दिए।