सैटेलाइट और गूगल के आंकड़ों को मिलाकर नियंत्रित की जा सकती हैं आपदाएं
रुड़की
पिछले चार दिन से नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाइड्रोलॉजी रुड़की में आपदाएं और उनके नियंत्रण विषय पर चल रही कार्यशाला के बौद्धिक सत्र का समापन हो गया। समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र बांटे गए। भौतिक सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीएस नायक ने आपदाओं के विभिन्न प्रकारों, उनके आने के कारण तथा नियंत्रण के बारे में चर्चा की। इसरो की ओर से आयोजित कार्यशाला में उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के माध्यम से जो डाटा आपदा के संबंध में एकत्र किया जाता है उसे गूगल से जुटाए गए तथ्यों के साथ मिक्स करके अगर प्रयोग किया जाता है तो विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि डाटा संकलन एक अनूठी विधा है। वैज्ञानिक को इसमें पारंगत होना जरूरी है।