संस्कृति संरक्षण के लिए निकला रिवर्स पलायन संवाद अभियान पहुंचा दून
देहरादून। रिवर्स पलायन संवाद अभियान दल का तीसरा चरण सोमवार को देहरादून में पूर्ण हुआ। अभियान दल रविवार की शाम को ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में पहुंचा था। जहां दल के सदस्यों ने चिदानंद मुनि, फिल्म अभिनंता संजय मिश्रा के साथ गंगा आरती में भाग लिया। स्वामी चिदानंद महाराज को अभियान के प्रणेता आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। पदमश्री डॉ. माधुरी बड़थ्वाल ने देशी विदेशी भक्तों के मध्य उत्तराखंडी मांगल गीतों के साथ साथ, मां गंगा पर आधारित गढ़वाली लोकगीत सुनाए। देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति, संस्कारों, रीति रिवाजों, परंपराओं के संरक्षण, संवर्धन और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के शुभ संकल्प के साथ संस्कार परिवार देवभूमि ट्रस्ट देहरादून ने 29 अप्रैल को हरकी पैड़ी इस आभियान का शुभारंभ किया था। तृतीय चरण का अभियान दल सोमवार को जौनसार, यमनोत्री, उत्तरकाशी, गंगोत्री धाम, श्रीनगर गढ़वाल, बद्रीनाथ, भारत के प्रथम गांव माणा गांव, बद्रीनाथ धाम, पीपलकोटी, गोपेश्वर, ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ गुप्तकाशी होते हुए योग नगरी ऋषिकेश में पहुंचा। आचार्य विपिन जोशी ने चिदानंद मुनि को 22 मई से कुमाऊं मण्डल में होने जा रहे अभियान के चतुर्थ चरण के लिए आमंत्रण दिया। आचार्य बिपिन जोशी ने बताया भारत के प्रथम गांव माणा के लोगों को सीमा सुरक्षा और संस्कृति संस्कारों के संरक्षण का आदर्श सीमा प्रहरी सम्मान दिया गया। भारत की अन्तिम दुकान को भारत की प्रथम दुकान किया गया। जगह जगह रिवर्स पलायन पर संवाद हुए। मां यमुना जी के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव की महिलाओं को स्थानीय उत्पादों और चौलाई से मां यमुना का भोग बनाने के लिए प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। गढ़वाल विवि श्रीनगर गढ़वाल में वृहद रिवर्स पलायन संवाद हुआ। केदार घाटी में रिवर्स पलायन कर सराहनीय कार्य कर रहे एक दर्जन महिला और पुरुषों को सम्मानित किया गया।