11 दोषियों की रिहाई मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से मांगा जबाव
नई दिल्ली
बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरा सरकार को नोटिस जारी किया। मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। मामले में चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ की बेंच ने सुनवाई की। सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रूपरेखा वर्मा और पत्रकार रेवती लाल ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है।
बता दें कि यह 11 दोषी बिलकिस बानो के गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने के मामले में 15 साल से जेल में थे, लेकिन गुजरात सरकार ने दोषियों को राज्य में लागू रिहाई की नीति के तहत 15 अगस्त को छोड़ दिया। 11 दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो ने कहा, 15 अगस्त 2022 को जो हुआ वह मुझे 20 सालों पहले हुए हादसे की याद को ताजा कर गया। मैंने जब से ये सुना है कि जिन 11 अपराधियों ने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया था, उनकी सजा माफ कर दी गई है। मैं इससे बहुत दुखी हूं. उन्होंने मुझसे मेरी तीन साल की बेटी भी छीन ली थी, मेरा परिवार मुझसे छीन लिया था और आज वह माफ कर दिए गए। मैं हैरान हूं।
दरअसन गुजरात दंगों के दौरान लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में एक भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई। इस दौरान गर्भवती बिलकिस बानो का गैंगरेप कर उनके परिवार के 7 लोगों को जान से मार दिया था। साल 2008 में मुंबई की एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने बिलकिस बानो के 21 जनवरी 2008 के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।