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4 विभाग मिलकर भी बेरोजगारों को नहीं दिला पा रहे हैं रोजगार

भोपाल

सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती है। लेकिन उन घोषणाओं पर अमल नहीं होता है। मध्यप्रदेश शासन ने हर महीने 2 लाख युवाओं को स्वरोजगार और 1 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए 4 विभागों को मिलाकर एक योजना बनाई थी।
इस योजना में करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा रहे हैं। एमएसएमई विभाग की तरफ से 13.65 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए लोन देने का दावा किया गया है। वही रोजगार विभाग हर महीने रोजगार मेला लगा कर 1 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने का दावा कर रहा है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और कालेजों द्वारा विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर 2.4 लाख मेले और कार्यशाला आयोजित करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन कोई भी विभाग नहीं बता पा रहा है, कितने युवाओं को स्वरोजगार मिला, और कितने युवाओं को नौकरी मिली। सरकार के मिले पैसे की होली सभी विभाग मिलकर खेल रहे हैं। हिसाब किताब और प्रमाणिक जानकारी कोई भी देने तैयार नहीं है। उल्लेखनीय है, पिछले 2 साल में प्रदेश के 528 कॉलेज और 16 विश्वविद्यालयों में छात्रों के प्लेसमेंट की जानकारी मांगी गई थी। उसमें सभी ने मेले और कार्यशाला आयोजित करने की बात स्वीकार की है। लेकिन किन छात्रों को रोजगार मिला या स्वरोजगार मिला। यह कोई बताने तैयार नहीं है।