उत्तराखण्ड

स्वामी शिव स्वरूप बने महामण्डलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज के उत्तराधिकारी

गुरू पंरपरा को आगे बढ़ाएंगे स्वामी शिव स्वरूप-म.म.स्वामी कपिल मुनि

हरिद्वार

देवपुरा स्थित श्री गुरू मण्डल आश्रम में आयोजित उत्तराधिकार विधि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में स्वामी शिव स्वरूप को श्री गुरू मण्डल आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित संतों ने स्वामी शिव स्वरूप को तिलक चादर प्रदान कर उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने तथा संचालन महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि श्री गुरू मण्डल आश्रम महान विद्वान संतों की परम्परा को समाहित किए हुए है। आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी भगवत स्वरूप ने स्वामी शिव स्वरूप जैसे योग्य शिष्य का उत्तराधिकारी के रूप में चयन कर सराहनीय कार्य किया है। संत समाज को पूरा विश्वास है कि स्वामी शिव स्वरूप गुरू परम्परा का पालन करते हुए आश्रम को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करेंगे। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरू ही शिष्य को ज्ञान का बोध कराकर उसके जीवन को भवसागर से पार लगाते हैं। स्वामी भगवत स्वरूप महाराज के उत्तराधिकारी नियुक्त किए गए स्वामी शिव स्वरूप अपने गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान का अनुसरण करते हुए आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। समस्त संत समाज का आशीर्वाद उनके साथ है। महामण्डलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि योग्य गुरू को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। स्वामी भगवत स्वरूप महाराज के उत्तराधिकारी नियुक्त किए गए स्वामी शिव स्वरूप आश्रम की सेवा परंपरा को मजबूत करेंगे। महामण्डलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज ने कार्यक्रम में उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संत महापुरूषों की उपस्थिति में होने वाला प्रत्येक कार्य सफल होता है। उन्हें पूरी आशा है कि संत समाज स्वामी शिव रूवरूप पर सदैव अपनी कृपा व आशीर्वाद बनाए रखेगा। गुरू कृपा से प्राप्त समस्त ज्ञान उन्होंने स्वामी शिव स्वरूप को सौंप दिया है। संत समाज के आशीर्वाद से स्वामी शिव स्वरूप आश्रम की परंपरांओं को अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। अध्यक्षीय संबोधन में श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि गुरू का प्रत्येक वचन मंत्र है। गुरू के वचनों व आज्ञा का पालन करने वाले शिष्य का कल्याण निश्चित है। स्वामी भगवत स्वरूप महाराज के कृपा पात्र शिष्य स्वामी शिव स्वरूप महाराज गुरू की सेवा करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान देंगे। स्वामी शिव स्वरूप महाराज ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं उन्हें गुरू के रूप में महामण्डलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ है। संत समाज के आशीर्वाद व गुरू से प्राप्त ज्ञान के अनुसार आश्रम की सेवा परंपरा को विस्तार देंगे। महामण्डलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी महाराज ने कहा कि गुरू ही शिष्य के जीवन में ज्ञान का प्रकाश कर अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करते हैं। गुरू की कृपा से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी शिवानंद, महंत गंगादास, महंत दामोदर शरण दास, कथा व्यास स्वामी शिवानन्द, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानन्द, स्वामी विवेकानन्द, श्रीमहंत अद्धैतानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत प्रेमदास, महंत सुरेश मुनि, महंत गोविंद दास, स्वामी विज्ञानानन्द, महंत भरतदास, महंत देवानन्द, स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्य जगदीश, गोपाल सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु मौजूद रहे।