बर्फबारी से केदारनाथ और यमुनोत्री की यात्रा रुकी, यूपी में बारिश से 32 की मौत
नई दिल्ली ,
केदारनाथ में जारी बर्फबारी और पैदल मार्ग पर बारिश के कारण यात्रियों को सुबह दस बजे बाद सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया। पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने बताया कि सोनप्रयाग से सीतापुर रामपुर, फाटा आदि स्थानों पर करीब आठ से दस हजार यात्री ठहरे हैं जो बुधवार सुबह केदारनाथ रवाना किए जाएंगे। हालांकि दस बजे से पहले सोनप्रयाग से 10,230 यात्री केदारनाथ के लिए रवाना किए गए। उधर, यमुनोत्री मार्ग पर बारिश और चोटियों पर बर्फबारी के कारण यात्रियों को जानकीचट्टी में रोक दिया गया।
केदारघाटी में मौसम खराब होने के कारण यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो गई है। मंगलवार को केदारनाथ में पांच इंच तक बर्फबारी हुई। मौसम खराब होने के कारण हेलीसेवा भी बुरी तरह बाधित हो गई। उधर, बदरीनाथ में भी दिनभर बारिश और चोटियों पर बर्फबारी हुई। हेमकुंड साहिब में तीन इंच तक बर्फ गिरी है। लेकिन यात्रा जारी है। उधर, बडक़ोट उप जिलाधिकारी शालिनी नेगी ने बताया कि बर्फबारी और भारी बारिश के कारण नि यमुनोत्री यात्रियों को जानकीचट्टी में रोका गया है, उन्हें मौसम खुलने के बाद आगे भेजा जाएगा।
यूपी में आंधी-बारिश से जनजीवन बेहाल, 32 की मौत
यूपी के कई क्षेत्रों में सोमवार को आई तेज आंधी-बारिश के कारण 32 लोगों की जान चली गई। भीषण गरमी से तप रहे प्रदेश के मौसम में यह जबरदस्त बदलाव पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर पिछले चार-पांच दिन से बने चक्रवातीय हवाओं के क्षेत्र और अफगानिस्तान-पाकिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ तैयार होने से आया। इससे लोगों को प्रचण्ड गरमी से राहत जरूर मिली पर लखनऊ और आसपास के क्षेत्र में 12, बुंदेलखंड और मध्य उत्तर प्रदेश में 7, रुहेलखंड में 4, पूर्वी उत्तर-प्रदेश में 6 और अलीगढ़-हाथरस में तीन लोगों की मौत हो गई। तेज आंधी के कारण आम की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है।
लखनऊ मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जोरदार बरसात हुई। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन तक मौसम में इस बदलाव का असर रहेगा। मंगलवार को भी बारिश की संभावना है। तापमान में गिरावट जारी रहेगी। बुधवार से इन सिस्टमों का असर धीरे-धीरे कम होगा। पश्चिमी विक्षोभों का रुख जम्मू एवं कश्मीर की तरफ है। इसका असर उत्तर प्रदेश पर भी है। इस माह के अंत में एक बार फिर मौसम बदलने की संभावना है। मौसम का मिजाज सोमवार सुबह अचानक बदला। देखते-देखते तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश होने लगी।
तेज आंधी-बारिश के कारण सबसे बड़ा हादसा सीतापुर में हुआ। यहां टीन शेड गिरने से बुजुर्ग महिला व दीवार ढहने से दो सगी बहनों की मौत हो गई। सीतापुर के मानपुर में डाल गिरने से आठ साल के बालक की जान चली गई। गोंडा में भी दो लोगों की मौत हो गई। सुल्तानपुर में पेड़ की डाल गिरने से एक किशोरी और एक वृद्ध महिला की जान चली गई। बाराबंकी में दीवार के ढहने से मलबे में दबकर एक अधेड़ और कोतवाली टिकैतनगर के ग्राम बराइन मजरे जगनगर में पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। अमेठी में भी एक महिला की मौत हो गई।
वहीं, चूल्हे की आग भडक़ने से सुलतानपुर में पांच घर जलकर राख हो गए। आंधी में गिरे पेड़ को हटाने में देरी से सुलतानपुर-आजमगढ़ मार्ग घंटों बाधित रहा। बाराबंकी व अयोध्या में भी पेड़ गिरने से कई इलाकों में घंटों कई मार्गों पर जाम लगा रहा। आंधी के चलते ही बाराबंकी, अयोध्या, श्रावस्ती, बलरामपुर, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर समेत अन्य जिलों में बिजली सप्लाई पूरी तरह पटरी से उतर गई।
आंधी-पानी के कारण उन्नाव, चित्रकूट, औरैया, इटावा, उरई, झांसी, हरदोई में दो बच्चों समेत सात की जान चली गई। फर्रुखाबाद में गंगा पर पैंटून पुल टूटने से 25 गांवों का संपर्क कट गया। क्षेत्र में हजारों पेड़ और सैकड़ों बिजली के पोल भी गिर गए। वहीं, लखीमपुर खीरी में बिजली गिरने से मौसेरे भाई-बहन व पेड़ के नीचे दबकर एक युवक की मौत हो गई। आकाशीय बिजली ने शाहजहांपुर में भी एक युवक की जान ले ली। बस्ती में आंधी के दौरान गिरे छप्पर के नीचे दबकर बुजुर्ग महिला और देवरिया में पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। वाराणसी में भी चार लोगों की जान चली गई।