उत्तराखण्ड

माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर और छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई

रुड़की

आनन्द स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर के तीनों भवनों में द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर और छत्रपति शिवाजी जयन्ती का मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह और उप प्रधानाचार्य मोहन सिहं मटियानी ने किया। शनिवार को हुए कार्यक्रम में प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने कहा कि द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर और छत्रपति शिवाजी ने जो कार्य राष्ट्र के लिए किए है वह अमूल्य है। उन्होंने अपने धर्म और संस्कृति के प्रति हमारे आत्मविश्वास को पुनर्स्थापित किया। उन्होंने भारत को विश्व के आध्यात्मिकरण के अपने उद्देश्य को पुर्नस्मरण कराया। बल्कि स्वप्नों के भारत को साकार करने हेतु पुर्नसंकल्प लेने का अवसर है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी और लम्बे समय तक मुगलों के अत्याचारों के विरोध मे संघर्ष किया। 16 वर्ष की आयु में ही पहला किला जीतने वाले वीर शिवाजी ने अपने जीवन काल में 276 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की। विद्यालय के योगाचार्य तिलक राम चौहान, भावना त्यागी और दीप शिखा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर कहा कि गुरूजी ने अपना सम्पूर्ण जीवन सदैव समाज और राष्ट्रहित में सर्मपित किया। युवाओं को ज्ञान के लिए प्रेरित करने का कार्य भी किया। अपने जीवन के 33 वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राष्ट्रहित के कार्यों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। राष्ट्रीय स्वाहा इदं राष्ट्राय इदं न मम् के मंत्र को साकार किया। इस मौके पर उप-प्रधानाचार्य कली राम भट्ट, आशुतोष शर्मा, शमा अग्रवाल, जसवीर सिंह पुण्डिर और छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।