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दीपेंद्र दिल्ली विश्विद्यालय के प्रसिद्द लॉ फैकल्टी के पहले अध्यक्ष बने

हरिद्वार जिले के गाँव सिकंदरपुर मुंडलाना के किसान परिवार में जन्मे दीपेंद्र रक्षित चौधरी ने दिल्ली विश्विद्यालय के प्रसिद्द लॉ सेंटर 2 से न केवल छात्रसंघ चुनाव के दौरान 12 दिनों के प्रचार-प्रसार में चुनाव को 112 वोटों की बड़ी जीत हासिल की ।

दीपेंद्र ने बताया की जब वह अपनी वकालत की पढाई करने दिल्ली आए तो उनको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा । जब वह इंटर्नशिप करने तीस हज़ारी कोर्ट गए तो उन्हें न कोई मदद प्राप्त हुई न मार्गदर्शन । वह बताते हैं कि कोर्ट में कई दिन भटकने के बाद, कई ठोकरें खाने के बाद, तब कहीं जाकर उन्हें एक बेहतर जगह इंटर्नशिप मिली । उन्होंने इस समस्या की गंभीरता समझते हुए जो परेशानी का सामना उन्होंने किया, उसके निवारण के लिए कॉलेज में “इंटर्नशिप सेल फॉर LC-2” नाम का व्हाट्सप्प ग्रुप संचालित किया जिसमें वह वकालत के छात्रों को अच्छे वकीलों के पास इंटर्नशिप दिलवाने का माध्यम बने ।

दीपेंद्र ने कहा की अनेक समस्याएँ हैं जो वे छात्रसंघ में आकर ही सुलझा सकते हैं, चाहे वह छात्रों और यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच की दूरी हो, या फिर छात्र हितों की बात हो । चुनाव लड़ने की अनिवार्यता तब हुई जब समकालीन छात्रसंघ बिगठित हुआ, कॉलेज में छात्रों की सुनवाई शून्य हुई । दीपेंद्र ने तब सभी दोस्तों से बात कर अपना पर्चा दाखिल किया । अपना नामांकन दाखिल करने के पश्चात ही दीपेंद्र को हर वर्ग का समर्थन मिलना प्राप्त होने लगा । उनकी टीम में हर वर्ग, हर क्षेत्र के छात्र आए और उनके लिए ताबड़तोड़ प्रचार-प्रसार किया । इसी का परिणाम है की उन्होंने महज 12 दिनों के भीतर 112 वोटों से विजयी प्राप्त की ।

दीपेंद्र ने बताया की वह छात्रहितों को सर्वोपरि रखकर सिमित समय में समस्याओं का निवारण करने को अपनी प्राथमिकता मानते हैं । उन्हें अनेक वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बधाई प्रेषित की तथा सुनिश्चित किया की कोर्ट और कॉलेज में दूरी के निवारण में हर सम्भव मदद प्रदान करेंगे । कॉलेज में निष्क्रिय पड़े प्लेसमेट सेल को सक्रिय करेंगे एवं लॉ फेस्ट का आयोजन करवाएंगे ।