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ढाई सौ वर्गमीटर से ज्यादा जमीन खरीदने वालों पर होगी कार्रवाई: सीएम धामी

देहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने शुक्रवार को सचिवालय मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तराखंड में निकाय क्षेत्रों से बाहर अन्य प्रदेशों के लोगों के 250 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन खरीदने पर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद ऐसी जमीन सरकार में निहित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार बजट सत्र में वृहद भू कानून लाने जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मौजूदा समय में राज्य के नगर निकाय क्षेत्र से बाहर ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के खरीद सकता है, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार में अलग-अलग नामों से भूमि खरीदी जा रही है,यहां तक कुछ लोग तो लैंड बना रहे हैं। कहा कि यह प्राविधानों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। सरकार इसकी जांच कराएगी और जिन भी व्यक्तियों ने ऐसा किया है उनकी भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। राजस्व विभाग को ऐसी जमीनों का ब्योरा निकालने की जिम्मेदारी दी गई है। मालूम हो कि बीसी खंडूड़ी सरकार ने प्रदेश के बाहर के लोगों के लिए निकाय क्षेत्रों से बाहर जमीन खरीदने का यह मानक बनाया था।

भू कानून मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार करेगी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भू कानून एवं मूल निवास के मुद्दे को लेकर संवदेनशील है। अगले बजट सत्र में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक वृहद भू कानून लाएंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रारूप कमेटी इस पर काम कर रही है। कहा कि जिस प्रकार मार्च 2021 से अब तक लंबे समय से चले आ रहे विभिन्न मामलों का निस्तारण सरकार ने किया है, उसी प्रकार मैं देवभूमि उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाता हूं कि भू कानून के मुद्दे का समाधान भी हमारी सरकार ही करेगी। विदित ने विभिन्न आंदोलनकारी और सामाजिक संगठन वर्षों से राज्य में सख्त भू कानून की मांग उठा रहे हैं।
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निवेश करने वालों का स्वागत
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि उत्तराखंड में निवेश करने वाले बिल्कुल भी परेशान न हों। कहा कि जिन उद्यमियों के निवेश से उत्तराखंड में पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, व्यापार आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है, उनका तहेदिल से स्वागत किया। कहा कि सरकार ने सिर्फ उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बचाने के मकसद से यह कदम उठा रही है। निवेश करने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं को परेशान होने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है।