उत्तर प्रदेश

निर्धारित संख्या से अधिक पेड़ कटान मामले में वन क्षेत्राधिकारी निलंबित

रिपोर्ट: नितिन कौशिक

 

अफजलगढ़ :कालागढ़ टाइगर रिजर्व रेंज के वनों में टाइगर सफारी निर्माण के दौरान पाखरो रेंज में निर्धारित संख्या से अधिक पेड़ों का कटान होने के आरोप में वनक्षेत्राधिकारी बृज बिहारी शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव अनूप मलिक व कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने पाखरो रेंज का निरीक्षण किया और कालागढ़ से पाखरों तक के निर्माण कार्य की जानकारी ली। उन्होंने टाइगर सफारी के कार्यों को भी जाना और कालागढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को कानून के दायरे में काम करने के निर्देश दिए।कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ किशन चंद ने बताया कि वनों में सभी काम उच्चधिकारियों के आदेशों व निर्देशों से किए जा रहे हैं। पाखरों रेंज में कामकाज के दौरान 106 हेक्टेयर में टाइगर सफारी के निर्माण का काम प्रगति पर है। पाखरो रेंज में 163 पेड़ों के कटान की अनुमति ली गई है। परन्तु पाखरो रेंज में संख्या से अधिक पेड़ों के कटान के आरोप में पाखरों के वनक्षेत्राधिकारी को उच्च अधिकारियों के आदेशों पर निलंबित कर दिया गया है।विदित हो कि 14 फरवरी 2019 को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भ्रमण पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाखरो में टाइगर सफारी बनाने की घोषणा की थी। तब से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व इसकी कार्य योजना बनाने में जुट गया था।बृज बिहारी शर्मा पर आरोप है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई तथा बिना पूर्वानुमति के निर्माण कार्य कराने एवं अनधिकृत रूप से उप वन प्रभागीय अधिकारी के पदनाम का उपयोग करने के आरोप में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है । उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल की संस्तुति पर यह कार्रवाई की गई है ।शर्मा पर कालागढ़ वन प्रभाग की पांखरो व मोरघट्टी वन क्षेत्र में बिना पूर्वानुमति के पेड़ों की कटाई तथा अन्य निर्माण गतिविधियां करने तथा रेंजर की जगह अनधिकृत रूप से उप वन प्रभागीय अधिकारी के पदनाम का उपयोग करने का आरोप है ।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा कालागढ़ वन प्रभाग में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना निर्माण कार्य किए जाने तथा इसके लिए वृक्षों की अवैध कटाई के आरोपों की जांच के लिए गठित समिति ने बृज बिहारी शर्मा पर लगे इन आरोपों को सही पाया था तथा इसमें संलिप्त कालागढ के वन प्रभागीय अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी । समिति ने सभी अवैध निर्माण ध्वस्त किए जाने, वन क्षेत्र में पुरानी स्थिति बहाल करने तथा निर्माण पर आने वाले सभी व्यय की भरपाई आरोपी अधिकारियों से करने की सिफारिश भी की थी।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना किया था। पाखरों व मोरघट्टी में कराए गए विकास कार्यों व भवनों को देखा गया है। जिसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष रखी गई है ।
कालागढ़ टाइगर रिजर्व के वनों में टाइगर सफारी निर्माण के दौरान पाखरों रेंज में अवैध निर्माण व पेड़ों के कटान के मामले में 25 अक्तूबर को पर्यावरण मंत्रालय की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया था। जिसके बाद वन क्षेत्र अधिकारी बृज बिहारी शर्मा का तत्काल प्रभाव से निलंबन किया गया था।

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वही विभागीय सूत्र की माने तो मामले के असली विवाद की जड़ कुमाऊं क्षेत्र में स्थित होटल स्वामी है। जो कि नहीं चाहते थे कि टाइगर सफारी गढ़वाल के कालागढ़ वन क्षेत्र में बने। जिसके चलते उन्होंने एक एनजीओ को आगे कर इसकी शिकायत एनजीओ द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में करा दी। और कोर्ट के आदेश पर गढ़वाल क्षेत्र के वन अधिकारी जो कालागढ़ मामले की जांच के लिए आए उन होटल स्वामीयो से प्रभावित होकर मामले की जांच आख्या नैनीताल हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दी। जिसके चलते पाखरो के वन क्षेत्र अधिकारी बृज बिहारी शर्मा को निलंबन का सामना करना पड़ा है। क्योंकि गढ़वाल के कालागढ़ में टाइगर सफारी बनने से कुमाऊं वन क्षेत्र में स्थित होटल स्वामियों को पर्यटक और आर्थिक दृष्टि से भारी नुकसान है। इसलिए वह नहीं चाहते के टाइगर सफारी गढ़वाल में बने।