बिहार में फ्लोर टेस्ट के तनाव के बीच चार राजद नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई ने मारे छापे
पटना
बिहार में एक ओर जहां नीतीश कुमार अपनी सरकार का बहुमत विधानसभा में साबित करने वाले हैं, तो वही दूसरी और राजद नेताओं के खिलाफ सीबीआई की छापेमारी जारी है। आज सुबह राजद के 4 नेताओं के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की। जिन नेताओं के यहां यह छापेमारी की गई है उनमें राजद एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व राजद विधायक सुबोध राय, राज्यसभा सांसद अशफाक करीम और फैयाज अहमद शामिल हैं। यह सभी नेता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
हालांकि सीबीआई की छापेमारी ऐसे दिन हो रही है जब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है। यही कारण है कि राजद की ओर से केंद्र सरकार पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा जा रहा है। राजद एमएलसी ने साफ तौर पर कह दिया है कि आज जानबूझकर किया जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है। हमें डराने की कोशिश की जा रही है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा यह कहना बेकार है कि यह ईडी या आईटी या सीबीआई द्वारा छापेमारी है, यह भाजपा की छापेमारी है। केंद्रीय एजेंसियां भाजपा के अधीन काम करती हैं।
आज बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट है और यहां क्या हो रहा है? इसका अंदाजा हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम ने कल बैठक में ही कह दिया था कि वे अब ऐसी कार्रवाईयां शुरू करेंगे। 24 घंटे भी नहीं लगे, उनकी बात सच हो गई। वे और भी नीचे गिर गए। यह क्रोध क्या है? कि आपके हिसाब से सरकार नहीं चली? कि जनकल्याण के लिए गठबंधन को बदल दिया? पूरा मामला नौकरी के बदले जमीन मामले को लेकर है। पहले भी इस मामले को लेकर लगातार कार्रवाई होती रही है।
बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भाजपा किसी को लगाती नहीं और किसी को फंसाती नहीं। आज से डेढ़ साल पहले नीतीश कुमार ने खुद ही शिकायत की थी, जब बिस्कोमान में करोड़ों रुपए पकड़े जा रहे थे, तब बिहार सरकार ने संज्ञान में लिया था। उन्होंने कहा कि क्योंकि तब रुपयों के साथ एक गाड़ी पकड़ी गई थी। अब इन सब की जो परिणति होती है वह हो रही है। तारकिशोर प्रसाद ने कहा उन्होंने जैसे काम किए, उसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ेगी। राजद नेताओं पर छापेमारी के लिए यह दिन क्यों चुना गया, यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में सीबीआई के अधिकारी ही बता सकते हैं। बिहार विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है, वह लोकतंत्र का मंदिर है। यहां जो कुछ भी होगा वह नियमानुसार ही किया जाएगा।
वहीं, बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा उनके खिलाफ सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों के अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद इस्तीफा देने से इनकार करने के बीच, प्रदेश में नवगठित सरकार के विश्वास मत हासिल करने के लिए बुधवार को बुलाए गए सदन के विशेष सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।