उत्तराखण्ड

बॉयोडायवर्सिटी थीम के रूप में विकसित होगी संजय झील

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश के काले की ढाल स्थित संजय झील को बायोडायवर्सिटी थीम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके सौंदर्यीकरण के लिए शासन ने 10 लाख रुपये की पहली किश्त जारी कर दी है। गुरुवार को झील के निरीक्षण के दौरान प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने प्रभागीय वनाधिकारी को डीपीआर बनाने का निर्देश दिए। उपेक्षित पानी के प्राकृतिक स्रोत वाली संजय झील के दिन बहुरेंगे। गुरुवार को प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी अधीनस्थों के साथ काले की ढाल स्थित संजय झील क्षेत्र में पहुंचे और झील को पर्यटकों के लिए विकसित करने का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक ने बताया कि संजय झील ऋषिकेश के पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। यहां पानी के प्राकृतिक स्रोत के साथ प्राकृतिक सौंदर्य भी है। संजय झील को बायोडायवर्सिटी थीम के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ किए बिना संजय झील का सौंदर्यीकरण होगा। बताया कि शासन ने झील के सौंदर्यकरण के लिए पहली किश्त के रूप में 10 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी। डीपीआर तैयार होने के बाद सौंदर्यीकरण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने प्राकृतिक जल स्रोतों और वनस्पतियों को संरक्षित करते हुए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। मौके पर वन संरक्षक अखिलेश तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी दून राजीव धीमान, वनक्षेत्राधिकारी ऋषिकेश महेंद्र सिंह रावत मौजूद रहे।