उत्तराखण्ड

जिला सहकारी बैंक भर्ती घोटाले में हाईकोर्ट ने जवाब मांगा

नैनीताल।

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव सोसायटी के साथ हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली व देहरादून के जिला सहकारी बैंक सचिवों से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने सीबीआई व सीआईडी को भी मामले की जांच कराने के लिए पक्षकार बनाया है। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2020 में प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के लिए 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी। इसमें भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। याचिकाकर्ता का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में अधिकारियों व नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया। साथ ही कई अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें भर्ती किया गया। इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से विधायक सुरेश राठौर ने मुख्यमंत्री से की, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। समाचार पत्रों में अनियमितताओं की खबर छपने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में इस भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया, पर नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून व पिथौरागढ़ के जिला सहकारी बैंकों ने इस रोक के बावजूद भर्तियां कर दीं। इन सभी जिलों में हुई भर्तियों में भारी अनियमितता हुई और पात्र अभ्यर्थियों के बजाए जान-पहचान के लोगों को नौकरी पर रख लिया गया है। याचिकाकर्ता ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की भी अपील हाईकोर्ट से की है।