उत्तराखण्ड

नाक में ही दम तोड़ देगा कोरोना, भारत में बना नेजल स्प्रे

नई दिल्ली

देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढऩे लगे हैं। पिछले 24 घंटे में 20 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं, जो 145 दिन बाद सबसे अधिक है। कोविड वैक्सीनेशन भी तेजी से चल रहा है, लेकिन कोविड के मामलों में अभी कमी नहीं आ रही है। इस बीच नेजल स्प्रे को लेकर ये बड़ा दावा किया गया है। कोरोना मरीजों पर हुई रिसर्च में ये साबित हुआ है कि नेजल स्प्रे से कोरोना का वायरस नाक में ही खत्म हो रहा है। स्प्रे लेने वाले अधिकतर लोग कोविड जांच में निगेटिव मिले हैं। जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई भी है उनमें वायरल लोड 95 फीसदी तक कम हुआ है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट में इस रिसर्च को प्रकाशित किया गया है।
मुंबई स्थित दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने भारत में करीब 20 स्थानों पर टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले 306 वयस्कों पर नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे का अध्ययन किया, जो कोविड-19 से संक्रमित थे।
ग्लेनमार्क की क्लीनिक डेवलपमेंट प्रमुख मोनिका टंडन ने कहा, नेजल स्प्रे का कोरोना संक्रमित मरीजों पर देश के 20 अस्पतालों में परीक्षण हुआ। इस दौरान हल्के लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों (जिन्होंने टीका लिया) और बिना टीका लेने वाले कोरोना मरीजों को अलग-अलग समूह में रखा गया। एक को नेजल स्प्रे यानी नाक के जरिए नाइट्रिक ऑक्साइड दी गई, जबकि दूसरे समूह को एक प्लेसीबो दिया गया। सात दिन बाद परिणामों की समीक्षा की गई तो असर का पता चला। उच्च जोखिम वाले कोरोना रोगियों, जिन्होंने नेजल स्प्रे लिया था, उनमें 24 घंटे के भीतर वायरल लोड में 94प्रतिशत तक की कमी देखी गई। नेजल स्प्रे का क्लीनिकल ट्रायल कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के सर्ज के दौरान किया गया था।
शोध में पाया गया कि एनओएनएस प्राप्त करने वाले उच्च जोखिम वाले रोगियों में 24 घंटों के भीतर वायरल लोड में उल्लेखनीय कमी आई, जो 7 दिनों के उपचार के दौरान बनी रही।