सूफी ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप,कार्यालय के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात
पाकिस्तान के व्हाट्सएप नंबर से जान से मारने की मिली है धमकी
कानपुर
सूफी कौसर हसन मजीदी को पाकिस्तान के व्हाट्सएप नंबर से जान से मारने की धमकी मामले के पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने उनके कार्यालय के बाहर दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। लेकिन सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बारे में कौसर हसन को कोई जानकारी नहीं दी। बीते दिनों कौसर मजीदी ने उदयपुर की घटना के बाद अपने साथ बड़ी अनहोनी होने की आशंका जताई थी। साथ ही उन्होंने इस घटना के पीछे दावत-ए-इस्लामी जैसे संगठनों का नाम उजागर किया था।
सूफी कौसर हसन मजीदी का कहना है कि,रविवार को सुबह मेरे कार्यालय के बाहर दो महिला पुलिसकर्मी आए और बैठ गए। वो किस मकसद से आए है और उन्हें किसने भेजा है इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा से देश के खिलाफ कट्टरपंथी संगठनों का विरोध किया है। इसे देखते हुए अगर मुझे सुरक्षा देनी थी तो कम से कम मुझे जानकारी तो देनी चाहिए थी। इसके पहले भी जहां- जहां ऐसे कट्टरपंथी संगठन हमला करवाते है वो पुलिस के भी भेष में आते है। मेरे कार्यालय में पहले से सीसीटीवी लगे हुए है। कमिश्नर साहब इसे चेक करवा सकते है। अगर मेरे साथ कोई घटना घटती है तो इसमें पुलिस की लापरवाही का रोल सबसे बड़ा होगा।
कानपुर में दावत-ए-इस्लामी संगठन के नेटवर्क का किया था खुलासा
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद कानपुर में दावत-ए-इस्लामी संगठन के नेटवर्क का खुलासा सूफी हसन कौसर मजीदी ने किया था। इन्होंने उदयपुर कांड के बाद दावा किया था कि हत्यारों का पाकिस्तान और दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन है। संगठन के शहर में जगह-जगह कलेक्शन बॉक्स लगे हुए हैं। इसका ऑफिस भी कानपुर में होने का खुलासा किया था। इसके बाद से जांच एजेंसियां कानपुर में सक्रिय हो गईं।