उत्तराखण्ड

भारत की आत्मा है मां गंगा-स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद

 

हरिद्वार

कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में आयोजित गंगा महिमा कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए महामण्डलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा भारत की आत्मा है। युगों युगों से बहने वाली मां गंगा प्राणीमात्र को जीवन ही नहीं देती, मुक्ति भी देती है। भारत ही नहीं विदेशी श्रद्धालु भी गंगा के प्रति अगाध आस्था रखते हैं। जन्म लेने के बाद मृत्यु होने तक मनुष्य का गंगा से अगाध संबंध रहता है। मृत्यु के पश्चात गंगा में अस्थि विसर्जन किए जाने पर ही आत्मा मुक्त होती है। दिव्य गुणों से युक्त गंगा जल में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं और जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। गंगा स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है। रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। गंगा स्नान करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है। विधिविधान से गंगा पूजन करना अमोघ फलदायक होता है। समस्त संस्कारों में गंगा जल का ही प्रयोग किया जाता है। गंगा के पौराणिक महत्व के चलते अधिकांश तीर्थ स्थल गंगा तट पर ही स्थित हैं। स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद महाराज ने कहा कि अति पवित्र व मोक्षदायिनी गंगा मानवीय गलतियों के चलते प्रदूषण को शिकार हो रही है। जो कि बेहद चिंता का विषय है। सभी को गंगा को प्रदूषण से बचाने का संकल्प लेने के साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।