धार्मिक मान मर्यादाओं को ठेस पहुंचा रहे तथाकथित संतों को फर्जी घोषित किया जाए: महंत जसविन्दर सिंह
हरिद्वार
श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से भगवा चोला पहनकर धार्मिक मान मर्यादाओं से खिलवाड़ कर रहे तथाकथित संतों को फर्जी संत घोषित करने की मांग की है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ तथाकथित संत स्वयं को श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का श्रीमहंत बताकर प्रशासन और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। शासन प्रशासन को ऐसे फर्जी संतों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के समक्ष वह स्वयं भी मौजूद थे और वर्तमान में वह ही अखाड़े के कोठारी हैं। लेकिन कुछ फर्जी संतो द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोटो खिंचवा कर स्वयं को अखाड़े का श्रीमहंत और कोठारी बताना सरासर गलत है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज अभी कुछ समय पूर्व ही स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट वार्ता करके आए थे। जिसकी जानकारी हरिद्वार जिला प्रशासन को भी है। इसके बावजूद प्रशासन भ्रामक प्रचार करने वाले संतों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ तथाकथित संत भी ऐसे फर्जी संतों का साथ दे रहे हैं और भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से मांग करते हुए कहा कि ऐसे तथाकथित संतों जिन पर आपराधिक मामले तक दर्ज हैं, उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही कर उन्हें फर्जी संत घोषित किया जाए। ताकि भविष्य में कोई भी विवाद पैदा ना हो। पुलिस को भी ऐसे लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों में कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई तो श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा। महंत तेजा सिंह खुड्डे वाले ने कहा कि समाज में विद्वेष पैदा ना हो। इसके लिए शासन प्रशासन को सचेत रहकर समय-समय पर माहौल खराब करने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए। संत समाज का भ्रामक प्रचार समस्त देश के लिए खेद का विषय है और भक्तों की आस्था को आहत करता है। कार्रवाई की मांग करने वालों में ज्ञानी महंत खेम सिंह, महंत अमनदीप सिंह, संत कुलवंत सिंह, संत जोबन जीत सिंह, संत हरजोत सिंह, संत पवन सिंह, संत जसकरण सिंह, संत रवि सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत गुरमुख सिंह, संत गुरुचरण सिंह, संत निर्भय सिंह, संत तेजपाल सिंह, संत जोबिन प्रीत सिंह, संत बाबा गज्जन सिंह, संत सुखमण सिंह, संत दिलप्रीत सिंह, संत जसवंत सिंह, संत वीर सिंह आदि मौजूद रहे।