उत्तराखण्ड

बेपरवाह होते जा रहे लोग दे रहे तीसरी लहर को आमंत्रण

रुडकी

कोरोना की दूसरी लहर से राहत मिलने के बाद अब लोग बेपरवाह होते जा रहे हैं। बैंक हों या फिर सस्ते गल्ले के राशन की दुकान, वहां लग रही ग्राहकों की भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग का कतई भी पालन नहीं कर रही है। यही नहीं, भीड़ में कई लोग बिना मास्क लगाए भी लाइन में लग रहे हैं।
पिछले करीब एक महीने से कोरोना की दूसरी लहर का असर ढलान पर है। इसके चलते सरकार ने भी कोरोना कर्फ्यू में ढील दे दी है। अब बाजार भी रविवार को छोडक़र बाकी छह दिन खुल रहा है। कर्फ्यू में ढील मिलने बाद से अब लोग भी कोरोना के खतरे को लेकर लापरवाह नजर आ रहे हैं। खासकर बैंक की शाखाओं के बाहर और सस्ते गल्ले के राशन की दुकान पर लग रही लंबी लाइन में कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार नहीं है। यही नहीं लाइन में कई लोग बिना मास्क के भी लग रहे हैं। राशन लेने आई महिला रोशनी, शकीला, अंजूमन ने बताया कि अगर वे सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर दूर-दूर खड़ी होती हैं तो कोई भी आकर लाइन के बीच में खड़ा हो जाता है।
अमर सिंह, जगदीश, विरेंद्र सिंह ने बताया कि बिना मास्क वालों को अगर दूसरा कुछ कहता भी है तो वे लड़ाई पर उतारू हो जाते हैं। दीपक, अमन, प्रदीप आदि का कहना है कि पहले बैंक के बाहर व राशन दुकानों पर पुलिस मौजूद रहती थी। पर अब पुलिस भी इसमें रूचि नहीं ले रही है। कोतवाल प्रदीप चौहान का कहना है कि पुलिसकर्मियों की संख्या कम है। लिहाजा हर जगह तैनाती संभव नहीं है। फिर भी पुलिस गश्त क लोगों से गाइडलाइन का पालन करा रही है।