उत्तराखण्ड

कर्मानुसार फल प्रदान करते हैं शनिदेव-दिगंबर करण भारती

हरिद्वार

श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के दिगंबर करण भारती महाराज के तत्वाधान में गैंडीखाता स्थित सिद्ध पीठ बड़काली माता मंदिर में संत महापुरुषों द्वारा नवरात्रि की अष्टमी पर शनिदेव की स्थापना की गई। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए दिगंबर करण भारती महाराज ने कहा कि भगवान शनि देव न्याय के देवता हंै। जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। कोई भी व्यक्ति अधर्म अथवा गलत कार्य करके भगवान शनि देव की दृष्टि से बच नहीं सकता। वही सत्कर्म करने वाले व्यक्ति को भगवान शनिदेव की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह निरंतर उन्नति करते हुए यश वैभव और सुख समृद्धि का अधिकारी बन जाता है। स्वामी करण भारती महाराज ने कहा कि नवरात्र में की गई देवी भगवती की उपासना सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होती है। जो श्रद्धालु भक्त मां भगवती की शरण में आ जाते हैं। उनका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। पुजारी प्रयाग भारती महाराज ने कहा कि नवरात्रि की पावन अष्टमी पर भगवान शनिदेव की स्थापना सभी के लिए पुण्य फलदाई है। भगवान शनिदेव और मां भगवती की सम्मिलित कृपा जिस व्यक्ति पर हो जाए। उसके जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होकर अलौकिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों की मनोकामनाएं मां भगवती और पतित पावनी मां गंगा पूर्ण करती है। भक्तों को भी समर्पण भाव से मां की शरण में आकर श्रद्धापूर्वक आराधना करनी चाहिए और अपने घर परिवार और बच्चों में संस्कारों को जागृत करना चाहिए। भगवान शनि देव भगत स्वामी मोती गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शनि देव अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों का संरक्षण कर मनवांछित फल प्रदान करते हैं और जो श्रद्धालु भक्त मां की आराधना के साथ-साथ भगवान शनि देव की भी उपासना करता है। उसका जीवन स्वयं ही सफल हो जाता है। शनि भगत स्वामी मोती गिरी, पुजारी प्रयाग भारती महाराज, महंत पीर महेश नाथ महाराज, महंत अवंतिका गिरी, नारायण शास्त्री, प्रदीप चौहान, अजय, कृष्णपाल, नीरज, नरेंद्र, जीवन सिंह, शिवा सिंह, मनजीत, पवन पवार, बोबी, गोविंद, बिट्टू, राजकुमार, राजीव, वीरेंद्र सिंह, अंश मल्होत्रा, पंडित अनसुलझा, सूरज कुमार आदि भक्तगण उपस्थित रहे।