उत्तराखण्ड

संविदा श्रमिकों ने यूजेवीएन पर लगाया आर्थिक शोषण का आरोप 

विकासनगर

उत्तराखंड जल विद्युत निगम के छिबरो पावर हाउस समेत यमुना वैली में काम करने वाले संविदा श्रमिकों ने निगम प्रबंधन पर बिना नोटिस दिए सेवा समाप्त करने का आरोप लगाया है। सेवा से बर्खास्त किए श्रमिकों ने डाकपत्थर स्थित यमुना वैली महाप्रबंधक कार्यालय पहुंच कर सेवा बहाल किए जाने की मांग की है। श्रमिकों ने बताया कि पिछले लंबे समय से उनके वेतन में कटौती की जा रही थी। इसके साथ ही ईपीएफ और ईएसआई से भी वंचित किया जा रहा है। आर्थिक शोषण के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रबंधन ने बारह श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। कहा कि नौकरी से हटाए जाने के बाद श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। कहा कि पावर हाउस में अधिकांश श्रमिक ठेकेदारी प्रथा पर रखे जा रहे हैं, जिन्हें श्रम कानूनों के अनुरूप मानदेय नहीं दिया जा रहा है। पावर हाउस में काम करते हुए दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके श्रमिकों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। कहा कि अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने पर श्रमिकों को नौकरी से बर्खास्त किया जाता है, जिससे नौकरी खोने के डर से श्रमिक आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण सहने को मजबूर हो रहे हैं। श्रमिकों ने ठेकेदारी प्रथा के बजाय सीधे निगम प्रबंधन के जरिए संविदा पर नियुक्ति देने और श्रमिकों का आर्थिक शोषण बंद करने समेत बर्खास्त किए गए सभी श्रमिकों की सेवा बहाल करने की मांग महाप्रबंधक से की है। इस दौरान आशीष कुमार, सुनील कुमार, पंकज नेगी, जयवीर, सुरेश, राकेश, सुमित पयाल, प्रदीप, साजिद हुसैन, रविंद्र कुमार, दिग्पाल आदि मौजूद रहे। उधर, महाप्रबंधक यमुना वैली, विपिन बिहारी ने बताया कि सभी श्रमिकों की अगले सप्ताह से सेवा बहाल कर दी जाएगी।