उत्तराखण्ड

परमार्थ निकेतन में हुआ नौ दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ 

श्रीराम के बिना भारतीय संस्कृति और आदर्श मूल्यों की कल्पना नहीं: स्वामी चिदानंद सरस्वती
ऋषिकेश। स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान श्रीराम ने संपूर्ण मानवता को एकता के सूत्र में बांधने और मानवीय मूल्यों के अनुसार जीवन जीने का संदेश दिया है। रविवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित श्रीराम कथा का शुभारंभ परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने पद-प्रतिष्ठा से परे जीवन व्यतीत किया। वे धर्म, जाति और संकीर्णता के दायरे मुक्त रहे। उनका सम्पूर्ण जीवन मानवीय आदर्शों से युक्त रहा, वास्तव में वे एक आदर्श नायक हैं। उनके आदर्श चरित्र के बिना भारतीय संस्कृति और आदर्श मूल्यों की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने एक आदर्श समाज की स्थापना की, इसीलिए तो वे पूज्य, आराध्य और अनुकरणीय हैं। वे भारतीय संस्कृति के उत्कृष्ट प्रतीक हैं। इस दौरान कथावाचक राधाकृष्ण ने अपने मधुर स्वर में रामायण की चौपाइयों और उनके गूढ़ रहस्य को समझाया। कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र आदर्शों और श्रेष्ठ मानवीय संबंधों को दर्शाता है।