बदरीनाथ धाम को तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जाए: अविमुक्तेश्वरानंद
नई टिहरी
शारदापीठ द्वारिका गुजरात के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार से बदरीनाथ धाम को पर्यटन केंद्र के बजाय तीर्थाटन के रूप में विकसित करने को कहा। उन्होंने बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों में तीर्थ पुरोहित समाज और स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा की बात भी कही। शारदापीठ शंकराचार्य ने जोशीमठ जाते हुए देवप्रयाग में तीर्थ पुरोहितों से भेंट की। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के सर्वोच्च धाम बदरीनाथ को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित नहीं किया जाना चाहिए। कहा सतयुग के इस धाम की गरिमा और महत्व को बनाये रखते हुए तीर्थाटन के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम में प्रस्तावित मास्टर प्लान में तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय निवासियों के हितों की पूरी सुरक्षा होनी चाहिए, उनके पैतृक निवास, सम्पत्ति को अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए। कहा इसके लिए वह तीर्थ पुरोहितों के साथ हैं। देवप्रयाग पहुंचने पर श्रीबदरीश पंडा पंचायत सचिव रजनीश मोतिवाल, प्रदीप भट्ट, श्यामलाल पंचपुरी, श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन अध्यक्ष श्रीकांत बडोला, अतुल जागीरदार, अनूप थपलियाल, विनय टोडरिया, शुभ्रांशु जोशी, नटवर कोटियाल के साथ साधु-संतों ने शारदापीठ शंकराचार्य का स्वागत किया। तीर्थ पुरोहितों के अनुरोध पर शंकराचार्य ने जोशीमठ से लौटते वक्त देवप्रयाग तीर्थ स्थित रघुनाथ मंदिर में रात्रि निवास करने तथा उनकी समस्याओं पर विचार विमर्श करने का भी आश्वासन दिया।