उत्तराखण्ड

भोजनमाताओं ने सीईओ कार्यालय तक निकाला जुलूस

हरिद्वार

प्रगतिशील भोजनमाता संगठन हरिद्वार इकाई की संयोजिका दीपा ने कहा कि जनपद के अधिकतर विद्यालयों में भोजनमाताओं से खाना बनाने से अतिरिक्त स्कूलों के मैदान, शौचालय, टेबल सफाई आदि का काम लिया जा रहा है। शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय रोशनाबाद तक पैदल रैली निकालकर भोजनमाताओं ने धरना प्रदर्शन कर सीईओ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने के दौरान बहादराबाद, रुड़की, खानपुर, नारसन, भगवानपुर, लक्सर की भोजनमाता शामिल थीं। भोजनमाताओं ने काम के घंटे मानक अनुसार और अतिरिक्त कार्य न लिए जाने के लिखित आदेश जारी करने व सभी विद्यालयों में गैस की व्यवस्था करने की मांग की है।
मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने कहा कि जनपद के खंड शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर दिए हैं कि भोजन माताओं से खाना बनाने और किचन से संबंधित ही कार्य लिया जाए। ऐसे विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी जो भोजनमाताओं से अतिरिक्त कार्य लेंगे। संयोजिका दीपा ने कहा कि पिछले 18 वर्षों से भोजनमाताएं स्कूलों में खाना बनाने का काम करती है। जिसकी एवज में उन्हें मात्र तीन हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। आरोप लगाया कि भोजनमाताओं को सुबह साढ़े नौ से साढ़े तीन बजे तक रोका जाता है। सुबह स्कूल खुलने से बंद होने तक उन्हीं की जिम्मेदारी होती है। आरोप लगाया कि विद्यालय के कमरों से प्रांगण में झाड़ू लगाने, माली की जिम्मेदारी, झाड़ियां काटना, अध्यापकों के जलपान की व्यवस्था आदि उनसे कराया जाता है।
विद्यालयों में भोजनमाताओं से न सिर्फ अतिरिक्त कार्य करवाया जाता है, बल्कि अतिरिक्त कार्य करवाने का दबाव भी बनाया जाता है। यदि कोई भोजनमाता इसका विरोध करती है तो उसे विद्यालय से निकाले जाने की धमकी दी जाती है। कई विद्यालयों में भोजनमाताओं से लकड़ी और उपलों तक पर खाना बनवाया जाता है। यह भोजनमाताओं के स्वास्थ्य पर धुएं से होने वाले कुप्रभावों की अनदेखी करना है। इस दौरान सुनीता, शकुंतला, रजनी, अनीता, बाला, दीपा, नीता, निशा, मालती, सोना, गीता, बबली, कृष्णा, रजनी, सुनीता आदि मौजूद थी।