उत्तराखण्ड

महाशिवरात्रि पर जूना अखाड़े का प्रसिद्व भवनाथ भण्डारी गिरि कुम्भ मेले की तैयारियां शुरू 

पूर्ण विधि-विधान के साथ जलाभिषेक कर विश्वकल्याण की कामना करेगे-श्रीमहंत हरिगिरि

हरिद्वार

कोरोना महामारी की पाबंदियों में छूट के बाद सन्यासियों के सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के देशभर में फैले आश्रमों, मठ, मन्दिरों में धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर कुम्भ मेले की तर्ज पर पंाच दिवसीय धार्मिक समारोह का आयोजन किया जा रहा है। मुख्य समारोह गुजरात के जूनागढ़ स्थित भावनाथ मन्दिर में किया जा रहा है, जहां लाखों की तादाद में साधु-सन्यासियों के अलावा श्रद्वालुगण शामिल होगें। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। इस सम्बन्ध में जूना अखाड़े के अर्न्तराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने हरिद्वार से गुजरात रवाना होने से पूर्व बताया कि कुम्भ मेला की तर्ज पर भावनाथ मन्दिर में महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष पूजा अर्चना की जायेगी। इसके लिए शुक्रवार 25 फरवरी को पूरे नगर में शाही जूलुस निकाला जा रहा है। भवनाथ मन्दिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि दो साल बाद कोरोना काल के बाद सरकार की ओर नियमों में छूट के बाद भव्य आयोजन किया जा रहा है। महामारी के दौरान एक तरह से पाबंदियों में कैद आमजनों के अलावा साधु-संत भी बेहद हर्षित हैं। सरकार का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि देशभर के लाखों शिवालयों में जलाभिषेक होगा। उन्होने कहा कि गुजरात के गिरि पर्वत पर स्थापित भवनाथ महादेव मन्दिर पर विशेष रूप से अभिषेक किया जायेगा। उन्होने कहा कि गिरि कुम्भ मेला के नाम से विख्यात भवनाथ भण्डारी गिरि कुम्भ मेला के नाम से विख्यात इस मेले का विशेष आकर्षण है। इस मेले का दृश्य काफी आर्कषक एवं अद्भूत होता हैं। कहा जाता है कि इस मेले के दौरान स्वयं महादेव एवं माता पार्वती भिन्न रूप में पधारकर भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते है। उन्होने सभी सनातनप्रेमी धर्मालम्बियों से शामिल होने का आहवान किया। उन्होने कहा कि इस महाशिवरात्रि पर्व पर भोलेनाथ भावनाथ महादेव का विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर विश्व शांति की कामना करेगे। विश्व में मची उथल-पुथल की शांति के लिए प्रार्थना की जायेगी। उन्होने कहा कि कुम्भ मेले की तर्ज पर आयोजित होने वाले इस मेले में 50 लाख से अधिक की तादाद में श्रद्वालुगण शामिल होंगे। मेले के आयोजन की अनुमति देने पर उन्होने सरकार का आभार जताया। साथ ही कहा कि फिर भी कोविड नियमों का पालन कराया जायेगा। बताया कि महाशिवरत्रि के मौके पर कुम्भ मेले की तर्ज पर शाही जुलूस निकाली जायेगी, उससे पहले 25 फरवरी को धर्मध्वजा की स्थापना की जायेगी। महाशिवरात्रि के मौके पर भव्य जलाभिषेक होगा। मेले की तैयारियों के लिए जूना अखाड़े के प्रमुख सांधु-संत पहुॅच चुके है। तैयारियों को अन्तिम रूप देने के लिए अखाड़े के अर्न्तराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज, अर्न्तराष्ट्रीय सभापति उमाशंकर भारती, अर्न्तराष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत शैलेन्द्र गिरि, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, महामण्डलेश्वर महेन्द्रानंद गिरि, निर्माण महंत शैलजा गिरि, हिमालयन योगी महामण्डलेश्वर वीरेन्द्रानंद गिरि, श्रीमहंत निरंजन भारती, श्रीमहंत दूज गिरि, श्रीमहंत रामचंन्द्र गिरि सहित कई अन्य अखाड़े के साधु-संत भवनाथ महादेव मन्दिर पहुच चुके है।
पांच दिवसीय समारोह की शुरूआत धर्मध्वजा स्थापना से
श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि 25 फरवरी को जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा तथा आहवान अखाड़े में धर्मध्वजा स्थापित किया गया। इसके अलावा जूनागढ़ के विभिन्न मन्दिरों, प्रसिद्व आश्रमों के साथ साथ स्थानीय नगर निगम में भी धर्मध्वजा स्थापित किया गया। पांच दिवसीय समारोह के पहले दिन धर्म ध्वजा की स्थापना हुई। शनिवार को जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज पहुचेंगे और महादेव का पूर्ण अभिषेक करेंगे। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि को पूरे नगर में भव्य शाही जूलूस निकाला जायेगा। उन्होने बताया कि मेले की तैयारियों के सम्बन्ध में मेयर श्रीमती गीताबेन परमार, कमिश्नर राजेश पन्ना, जिलाधिकारी रूचित राज, एस.पी प्रदीप सिंह जाडेजा के अलावा अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुचकर व्यवस्थाओं को परखा।