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पोस्टर प्रदर्षनी के माध्यम से बताया संविधान का महत्व

श्रीनगर गढ़वाल

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर एवं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के मूल्यों के उन्नयन में विचारों की प्रांसगिकता पर शैक्षिक सीएमई तथा पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें बाबा साहब के विचारों एवं उनके द्वारा देश और समाज को दिये गये योगदान पर संकाय सदस्यों, एमबीबीएस छात्रों, पैरामेडिकल छात्रों ने प्रकाश डालते हुए उनके विचारों से संकल्प लेने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि बाबा साहब ऐसे समाज सुधारक व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत में सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। बाबा साहब का सूत्र था शिक्षा, संगठन और संघर्ष। उन्होंने स्वतंत्रता, समानता व बंधुता का पाठ पढ़ाया। आज उनके आदर्श को अपनाने के साथ ही उनके विचारों को जीवन में हरके व्यक्ति को आत्मसात कर आगे बढ़ने की प्ररेणा लेनी चाहिए। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन श्रीनगर के समन्वयक प्रदीप अंथवाल ने कहा कि हमारा देश 15 अगस्त सन 1947 को आजाद हुआ, जिसके बाद एक नई संविधान व्यवस्था की आवश्यकता थी। जिसकी जिम्मेदारी डॉ. भीमराव अंबेडकर को दी गई। देश व विश्व का सबसे बड़ा संविधान 1949 में बनकर तैयार हुआ और यह 26 जनवरी 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ। जिसके कारण देश में एक नई कानून व्यवस्था का संचार हुआ और हमें पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त हुई। कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजेय विक्रम सिंह, डा. दीपक द्विवेदी, फॉरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ निरंजन गुंजन, सोशल वर्कर अरूण बडोनी आदि मौजूद थे।