घसियारी कल्याण योजना को लेकर गांवों में गजब का उत्साह , – प्रथम चरण में 25 हजार घसियारी किट वितरण करने का लक्ष्य
सहकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित घसियारी कल्याण योजना सही मायनो में पहाड़ और पहाड़ी गांवों की हितैषी मानी जायेगी क्योंकि इसी के बूते ही पहाड़ की आर्थिकी पहिया घूमता है। कास्तकारी ही पहाड़ी गांवों की आजीविका का एकमात्र जरिया रहा है। कास्तकारी में गांवों के घरेलू कामकाज से जुड़े वह सब काम आते हैं जिनसे गांवों की आर्थिकी का पहिया घूमता है। राज्य सरकार के घसियारी किट के बारे में बता दें कि, किट में जो दरांती है वह ग्रामीण कास्तकारी का मुख्य औजार है। दरांती पर कास्तकारी का अच्छा खासा दारोमदार रहता है। दरांती की धार तेज करने वाले लौहार के साथ ही उस स्थान की भी बड़ी अहमियत होती है जहां हर रोज महिलाएं अपनी दरांतियों को तेज धार किया करती हैं। दरांती के अलावा किट में मौजूद कुदाल, रस्सी, चादर जैसी चीचें पहाड़ी जीवन की रोजमर्रा उपयोग होने वाली वस्तुएं हैं। ऐसे में इस योजना के प्रति लोगों का आकर्षण स्वाभाविक सी बात है।
श्रीनगर विधान सभा के अंतर्गत विकास खंड थलीसैंण, पाबौ व खिर्सू क्षेत्र के गांवों मेें इन दिनों घसियारी किट का वितरण किया जा रहा है। अभी तक पांच हजार से अधिक महिलाओं को घसियारी किट वितरित की जा चुकी हैं। प्रथम चरण में 15000 महिलाओं में किट वितरित की जानी है। योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीण महिलाओं में खासा उत्साह है। इसके लिए लोग सहकारिता विभाग व विभागीय मंत्री डा धन सिंह रावत का आभार जता रहे हैं।
पहाड़ों की आजीविका चलाते हैं घसियारी किट के कृषि यंत्रः शंकर सिंह रावत
घसियारी कल्याण योजना को लेकर राठ विकास अभिकरण के अध्यक्ष शंकर सिंह रावत ने कहा कि घसियारी किट में जो कृषि यंत्र हैं वह पुरातन काल से ही गांवों की आजीविका चलाते रहे हैं। आज भी यह परंपंरा पूर्ववत जारी है। किट को लेकर बड़ी तादाद में ग्रामीणों को किट के लिए आवेदन आए हैं। गांवों में लोग उत्साहित हैं। कुछ लोग इस कल्याणकारी योजना में अवरोध बनने का भी प्रयास कर रहे हैं लेकिन आम जन ने उन्हें ठुकरा दिया है। इस माह तक योजना अपने निर्धारित लक्ष्य हासिल कर देगी।
15 हजार से अधिक आ चुके हैं आवेदन
राठ विकास अभिकरण के प्रतिनिधि विनोद रावत ने बताया कि घसियारी कल्याण योजना को लेकर गावों में गजब का उत्साह है। लोग योजना को हाथों हाथ ले रहे हैं। अभिकरण के पास अभी तक पंद्रह हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। प्रथम चरण में 24 हजार महिलाओं को यह किट वितरित की जानी है। कई परिवार स्वावलंबन की दिशा में बढ़ रहे हैं। सभी जगह सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत के प्रयासों की सराहना हो रही है।