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लाल ईंट निर्माण में वायु प्रदूषण कम करने की टेक्नोलॉजी बताई

रुड़की

सीबीआरआई के वैज्ञानिकों ने विभिन्न राज्यों से आए उद्यमियों को नई तकनीक से प्रदूषण कम करने की जानकारी दी। इसके साथ ही इसके बेहतर कारोबार के बारे में बताया। दो दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का उदघाटन संस्थान के कार्यवाहक निदेशक एसके नेगी, नोडल ऑफिसर डॉ धर्म राजू, डॉ. नीरज जैन आदि ने किया। एसके नेगी ने कहा कि काफी समय पहले से भवन निर्माण के लिए लाल ईंटों का उपयोग होता आया है लेकिन पिछले कुछ समय से इस उद्योग पर पर्यावरणीय और तकनीकी चुनौतियां बनी हुई हैं। इससे इस उद्योग का भविष्य खतरे में है। बताया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के फरवरी 2022 की अधिसूचना के तहत सभी लाल ईंट उद्योगों को स्वच्छ ईंधन या वर्टिकल शाफ्ट ब्रिक क्लिन या जिग-जैग तकनीक अपनानी होगी। ईंट भट्टा स्वामियों को इन तकनीकों को अपनाने में कई चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।