उत्तराखण्ड

वनाग्नि रोकथाम को लेकर डीएम ने दिए अधिकारियों को निर्देश

हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने वनाग्नि की रोकथाम के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। डीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि रोजाना तकनीक बदल रही है। तकनीक के अनुसार फायर वाचर की ट्रेनिंग कराई जाए। साथ ही फायर वाचर के मोबाइल नंबर आपदा प्रबंधन प्रभाग को उपलब्ध कराया जाए। वहीं कंट्रोल रूम के नंबर का प्रचार-प्रसार किया जाए। ताकि वनों में आग लगने के समय आपसी तालमेल से वनाग्नि पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके। डीएम ने यह भी निर्देश दिये कि मार्च माह में वनाग्नि की रोकथाम की तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल कराई जाए। डीएम की अध्यक्षता में बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला वनाग्नि प्रबंधन योजना वर्ष 2023 की बैठक आयोजित हुई। बैठक में डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानवीय कारणों में बीड़ी-सिगरेट से जंगलों में आग लगना, शरारती तत्वों द्वारा आग लगाया जाना आदि विषयों पर सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। 15 फरवरी तक ब्लाक स्तर की समिति अस्तित्व में लाई जाए ताकि निचले स्तर तक वनाग्नि के संबंध में अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सकें। वही बैठक में डीएफओ मयंक शेखर झा और वन क्षेत्राधिकारी चिड़ियापुर ने वनाग्नि प्रबंधन योजना वर्ष 2023 की जानकारी दी। इस मौके पर एडीएम (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, एडीएम (प्रशासन) पीएल शाह, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण विक्रम सिंह, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, वार्डन राजाजी टाइगर रिजर्व, अग्निशमन अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।