उत्तराखण्ड

एसडीएम से की जंगलों के अवैध कटान रोकने की मांग

विकासनगर

खत बिशलाड के ग्रामीणों ने एसडीएम कालसी को ज्ञापन सौंपकर चकराता क्षेत्र के जंगलों में नापलाइन की आड़ में बड़े पैमाने पर अवैध कटान किये जाने की शिकायत की है। कहा कि लकड़ी माफिया व अधिकारी कर्मचारियों की मिली भगत से सूखे पेड़ों की आड़ में हरे वृक्षों का अवैध कटान कर वन संपदा को नष्ट किया जा रहा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि जौनसार बावर क्षेत्र में छह रेंज क्षेत्र आती हैं। आरोप है कि नापलाइन की आड़ में बड़े पैमाने पर कुछ वर्षों से अवैध कटान का धंधा जोरों पर चल रहा है। कहा कि मिलीभगत से लकड़ी माफिया अवैध कटान कर रहे हैं। नापलाइन की आड़ में सूखे पेड़ों के कटान के लिए वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से पांच पेड़ों की स्वीकृति की आड़ में बीस बीस हरे भरे पेड़ काटे जाते हैं। आरोप है कि अधिकारी कर्मचारी मौके पर निरीक्षण करने के बजाय सूखे पेड़ों की जगह हरे भरे पेड़ काटने की स्वीकृति देते हैं। जिसके बाद लकड़ी माफिया लकड़ी के स्लीपर आदि बनाकर इस इन्हे ऊंची कीमतों पर बाहरी प्रदेशों के लोगों को बेच रहे हैं। जिससे वन संपदा नष्ट होती जा रही है। ग्रामीणों ने तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में राकेश चौहान, अमित चौहान, श्यामसिंह, विक्की जोशी, गुमानसिंह, सुभाष, अंकित आदि शामिल रहे।