कोविड मौतों पर भाजपा विधायक ने ही सरकार पर उठाए सवाल
देहरादून
कोविड काल में आक्सीजन की कमी से एक भी मौत न होने के सरकार के दावे पर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने ही सवाल उठा दिया। रुड़की के एक अस्पताल में कोविड काल में हुई मौतों के लिए सरकारी जांच रिपेार्ट को सवाल उठाते हुए बत्रा ने कहा कि मौत वास्तव में आक्सीजन की कमी और लापरवाही के कारण हुईं थी।
सरकार को पूर्व में की गई जांच की भी उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। पार्टी विधायक के तेवरों से एक बार को सरकार असहज हो गई थी। इस बीच विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के अगला प्रश्न आमंत्रित कर लेने से यह विषय रह गया। कांग्रेस के झबरेडा विधायक विरेंद्र कुमार जाति ने यह मामला उठाया था। उन्होंने सरकार से कोविड काल में आक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जानकारी मांगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में एक भी मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। राज्य में आक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम था। प्रत्येक अस्पताल में उसकी जरूरत के अनुसार आक्सीजन तत्काल पहुंचाई गई। राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों में 86 पीएसए आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए।
मंत्री द्वारा पेश किए जा रहे आंकड़ों पर जाति ने विरेाध जताया। कहा कि आंकड़े भले ही जो कहें, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। दूर नहीं बल्कि रुड़की में ही एक अस्पताल में कोविड काल में आक्सीजन न मिलने के कारण कई मरीजों की मौत हुई थी। जाति के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रुड़की अस्प्ताल मामले में सरकार ने जांच बिठाई थी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की रिपेार्ट में मौत की वजह आक्सीजन को नहीं बताया गया। मौत का शिकार लोगों को कोरोना के साथ और भी कुछ गंभीर बीमारियां थीं। स्वास्थ्य मंत्री जवाब पूरा कर पाते, इससे पहले ही रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा अपनी सीट पर खड़े हो गए। उन्होंने मंत्री के जवाब को खारिज करते हुए कहा कि रुड़की के अस्पताल में आक्सीजन की कमी के कारण ही मरीजों की मौत हुई थी। यह सत्य है। बत्रा को अपनी ही सरकार के बयान पर सवाल उठाते देख स्वास्थ्य मंत्री भी भौचक से उन्हें देखते रह गए। बत्रा ने मंत्री से कहा कि क्या सरकार पूर्व में हुई जांच की उच्च स्तरीय जांच कराएगी? इस पर जाति ने भी सरकार से जवाब पूछा कि क्या सरकार इस मामले की जांच कराएगी? सरकार की और से जवाब दे चुके स्वास्थ्य मंत्री तब तक बैठ गए थे। विस अध्यक्ष ने दूसरा सवाल आमंत्रित कर लेने से इस विषय पर सरकार की ओर से जवाब नहीं आ पाया।