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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य रिकॉर्डों के रखरखाव के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने संशोधित ‘आभा’ मोबाइल एप्लीकेशन की घोषणा की

नई दिल्ली ,

अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएएम) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) मोबाइल एप्लीकेशन के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने की घोषणा की है। आभा एप्प को पहले एनडीएचएम हेल्थ रिकॉर्ड्स एप्प के नाम से जाना जाता था, जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इसे चार लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। आभा के उन्नत संस्करण में नया यूजऱ इंटरफेस (यूआई) है और उसमें अन्य व्यावहारिक चीजों को जोड़ा गया है, ताकि लोग किसी भी समय और कहीं भी अपना स्वास्थ्य रिकॉर्ड देख सकें। मौजूदा आभा एप्प को इस्तेमाल करने वाले पुराने संस्करण की जगह नये संस्करण को अपडेट कर सकते हैं।
आभा मोबाइल एप्लीकेशन पर कोई भी व्यक्ति आभा एड्रेस (ह्वह्यद्गह्म्ठ्ठड्डद्वद्गञ्चड्डड्ढस्रद्व) बना सकता है, आसानी से याद रखने वाले यूजऱ-नेम को 14 अंक के आभा नंबर से जोड़ सकता है। यह नंबर एप्प अपने आप तैयार कर देगा। मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये उपयोगकर्ता एबीडीएम आधारित स्वास्थ्य सुविधा में तैयार स्वास्थ्य रिकॉर्डो को जोड़ सकता है तथा अपने स्मार्टफोन पर देख सकता है। इस एप्लीकेशन में यह भी सुविधा है कि स्वास्थ्य सम्बंधी जो रिकॉर्ड एबीडीएम आधारित हेल्थ लॉकरों में रखे हैं, उन्हें भी डिजिटल रूप में इससे जोड़ा जा सकता है, जैसे नैदानिक रिपोर्टें, डॉक्टर के दवाई के पर्चे, कोविन टीकाकरण प्रमाणपत्र, आदि। इन सबको एबीडीएम नेटवर्क के जरिये सम्बंधित उपयोगकर्ता की मंजूरी के बाद जोड़ा जा सकता है।
इसके अलावा, आभा मोबाइल एप्लीकेशन में नई व्यावहारिक चीजें हैं, जैसे एडिट प्रोफाइल, आभा नंबर (14 अंक वाला) को आभा एड्रेस के साथ लिंक और अन-लिंक करना। इसके अलावा फेस ऑथेंटिकेशन/फिंगरप्रिंट/बायोमेट्रिक द्वारा लॉग-इन और पंजीकरण सम्बंधी एबीडीएम आधारित सुविधा काउंटर पर क्यूआर कोड की स्कैनिंग सुविधाओं को भी जल्द शुरू किया जायेगा।
आभा मोबाइल एप्प के बारे में जानकारी देते हुये राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने कहा, आभा एप्प नागरिकों को अपना समग्र स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने की सुविधा देगा। मरीज अपने आभा एड्रेस की मदद से सेकंडों में अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच सकते हैं। इसके कारण उन्हें बहुत सुविधा हो जायेगी। यह उन्हें एक ही स्थान पर उनके स्वास्थ्य का पूरा विवरण उपलब्ध करा देगा तथा कहीं भी, कभी भी अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को साझा करने में उनकी मदद करेगा। इससे उनके रिकॉर्ड के खो जाने का अंदेशा नहीं रहेगा। आंकड़ों के आदान-प्रदान के डिजिटलीकरण से उपचार का बेहतर तरीके से निर्णय करना और देखभाल जारी रखना सुनिश्चित हो जायेगा।