लीवर एवं हृदय रोग विषय पर कार्यशाला आयोजित
लीवर का कम या अधिक कार्य करना ही बीमारियों का कारण: केपीएस चौहान
हरिद्वार
रक्त में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना लीवर की बीमारी है ना कि हृदय की। रविवार को इ.एम.ए. (इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ) के सौजन्य से बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड कैंसर रिसर्च सेंटर में लीवर एवं हृदय रोग विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप में बायोम फार्मा छत्तीसगढ़ के औषधि विभागाध्यक्ष डा.नीलेश थावरे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हृदय की बीमारी का कोई लेना-देना नहीं है। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से रक्त गाढ़ा हो जाता है। जिससे रक्त परिसंचरण के दौरान रक्त वाहिनियों में दबाव बढ़ने के कारण हृदय पर अनावश्यक जोर पड़ता है और हाईपरटेंशन, कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज, हार्ट अटैक, हर्ट फेल तक हो जाता है।
वर्कशॉप की अध्यक्षता करते हुए इ.एम.ए. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.के.पी.एस. चौहान ने कहा कि सभी बीमारियों का कारण लीवर का अधिक या कम कार्य करना ही मुख्य कारण होता है । लीवर में गड़बड़ी से ही अन्य रोग पैदा होते है। डा.चौहान ने चिकित्सकों से कहा कि आपको प्रत्येक बीमारी की चिकित्सा करते वक्त लीवर की औषधि भी रोगी को जरुर देनी चाहिए। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में रक्त को पतला (ब्लड थिनर) करने की एंजियाटिको वन तथा लीवर की लीवोम सबसे अच्छी मेडिसिन है। वर्कशॉप में गुलाम साबिर, आफाक, राशिद अब्बासी, चांद उस्मान, अर्सलान, मंजुला होलकर, शमां प्रवीण, हीना कुशवाहा, लक्ष्मी कुशवाहा, साहिल कश्यप, अशोक कुमार, सुनील अग्रवाल, संजय मेहता, बी.बी. कुमार, वी.एल. अलखनिया, सुबोध चौहान, नीलम भारती, अमरपाल अग्रवाल, सुरेंद्र कुमार, विक्रम चौहान, सीपी रतूड़ी, महेंद्र सिंह, समीर यादव, ज्ञानेश्वर शर्मा, गणेश मेवाड़ी, टीकम सिंह मेवाड़ी आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।