उत्तराखण्ड

पाक से बलुचिस्तान को शिकायत

इस्लामाबाद

बलुचिस्तानियों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि पाकिस्तान ने सिंध और पंजाब प्रान्तों का तो काफी विकास किया है, लेकिन बलुचिस्तान पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। आकड़े भी बताते हैं कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की दृष्टि से यह क्षेत्र बहुत अधिक पिछड़ा हुआ है। जहां पाकिस्तान की साक्षरता का प्रतिशत 59 है, वहीं बलुचिस्तान में यह 43 प्रतिशत के आसपास है। सत्तर के दशक से पहले पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद में बलुचिस्तान का जो हिस्सा पांच प्रतिशत के आसपास था, वह अब गिरकर 3.7 प्रतिशत रह गया है। बलुचिस्तान अपने प्राकृतिक गैस और तेल के लिए पाकिस्तान का सबसे प्रमुख स्रोत है लेकिन वहां से निकलने वाली गैस और तेल पर मिलने वाली प्रतिव्यक्ति रायल्टी दूसरे प्रान्तों की अपेक्षा केवल 20 प्रतिशत है। इसके कारण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर्ज लेने की वजह से यह प्रान्त कर्ज में डूब गया है। अक्सर हम लोग ग्वादर बन्दरगाह की चर्चा करते हैं। यह बन्दरगाह बलुचिस्तान में ही है, जिसे चीन विकसित कर रहा है। यहां बलुच लोगों के लिए रोजगार के काफी अवसर हो सकते थे लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। इसके लिये बाहर से कुशल श्रमिक बुलाये गये हैं और यह पूरा क्षेत्र चीन के नियंत्रण में आ गया है। इस स्थिति के प्रति भी यहां के लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है, जिसकी परिणति समय-समय पर चीनियों पर किये जाने वाले आक्रमण के रूप में होती है।