उत्तराखण्ड

गेट से परिसर तक मैट पर चल पहुंचे नौनिहाल, तिलक लगा किया स्वागत

चंबा

दिन: वीरवार। स्थान: राजकीय प्राथमिक पाठशाला कियाणी। समय: सुबह पौने नौ बजे। एक वर्ष 11 माह बाद स्कूल में पहुंच रहे नौनिहालों के स्वागत के लिए जबरदस्त तैयारी की गई है। नौनिहालों को गेट से परिसर तक चलने के लिए एक तरफ जहां जमीन पर मैट बिछी है तो वहीं, स्कूल परिसर के भीतर अध्यापिका हाथ में तिलक और गुलाब के फूलों की थाली लेकर नौनिहालों के इंतजार में है। स्कूल गेट पर जहां अभिभावक अपने बच्चों को छोड़ने के लिए पहुंच रहे हैं, वहीं नौनिहाल भी मुंह पर मास्क पहन खुशी-खुशी स्कूल में प्रवेश कर रहे हैं।
स्कूूल गेट में प्रवेश करते ही अध्यापिका छात्रों का तिलक लगा कर और सिर पर फूल फेंककर स्वागत कर रही हैं। वहीं, छात्र भी अध्यापिका के पांव छू कर आशीष ले रहे हैं। उसके बाद नौनिहालों की क्रमवार थर्मल स्क्रीनिंग कर उनका तापमान जांच कर हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं। उसके बाद ही नौनिहाल कतार में अपनी कक्षाओं की ओर बढ़ रहे हैं।
कक्षाओं में विशेष व्यवस्थाओं के तहत एक डेस्क पर एक ही विद्यार्थी के बैठने की व्यवस्था स्कूल प्रबंधन ने की है। विद्यार्थी लंबे अरसे बाद अपने सहपाठियों से मिलकर काफी उत्साहित हैं। अध्यापक बच्चों को कोरोना नियमों का पालन करते हुए एक-दूसरे का पेन, पेंसिल, किताब, कॉपी और लंच बॉक्स शेयर न करने की हिदायत देते हैं। इसी क्रम में राजकीय प्राथमिक पाठशाला थल्ली-सियुका, चौंतड़ा, उदयपुर, जनसाली, परेल, कसाकड़ा, हरदासपुरा, राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, उदयपुर, साहो में भी लंबे अरसे बाद स्कूलों में पहुंचे बच्चे अपने अध्यापकों, सहपाठियों को देख काफी खुश दिखे।
शिक्षक से पूछ सकते हैं सवाल: मुदस्सिर
मुदस्सिर ने कहा कि मोबाइल पर पढ़ना और कक्षा में पढ़ने में काफी अंतर है। कई बार मोबाइल पर कोई प्रश्न समझ न आने पर वह किसी से नहीं पूछ पाते थे। लेकिन, अब स्कूल खुलने से अध्यापक से हर सवाल का जवाब ले सकते हैं।
स्कूल खुलने से राहत : ज्योति
ज्योति कुमारी ने कहा कि स्कूलों के बंद होने से वह घर में बोर हो गए हैं। स्कूल खुलने से उन्हें राहत मिली है। स्कूल में वह अपने साथियों के साथ पढ़ाई करने के लिए उत्साहित हैं।
रोचक रहा पहला दिन: मेहता
सेम मेहता कहा कि स्कूलों में अध्यापक ने उनका तिलक लगा कर स्वागत किया। उनका पहला दिन बहुत ही रोचक रहा। बहुत दिनों बाद क्लास में पढ़ कर अच्छा लगा। अब स्कूल ऐसे ही लगे रहने चाहिए।
स्कूल में होती है अच्छी पढ़ाई : ऋषभ
ऋषभ ठाकुर ने कहा कि जो पढ़ाई स्कूल में हो सकती है, वह घर पर नहीं हो पाती है। स्कूल में अध्यापकों की नजर में पढ़ाई में कोई कमी रहने पर अध्यापक उन्हें गाइड करते हैं। जबकि, ऑनलाइन पढ़ाई में गलती हल नहीं हो पाती है।