जलीय आपदा से निपटने हेतु एसडीआरएफ में फ्लड रिलीफ टीम का गठन
देहरादून। उत्तराखण्ड जैसे पहाड़ी राज्य में जलीय आपदा से निपटने हेतु एसडीआरएफ में फ्लड रिलीफ टीम का गठन हुआ, जिसने गंगा, यमुना, काली नदी, टौंस, टिहरी झील सहित अनेक स्थानीय नदियों में सैंकड़ों रेस्क्यू ऑपरेशनस को फलीभूत किया है। परन्तु विगत वर्षों में जलीय आपदा और दुर्घटनाओं की अप्रत्याशित रूप से बढ़ती संख्या के दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अशोक कुमार द्वारा एसडीआरएफ की जनशक्ति को बढ़ाने हेतु एक नई फ्लड रिलीफ कम्पनी के गठन का अप्रतिम निर्णय लिया गया।
कमाण्डेन्ट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने पदभार ग्रहण करने के पश्चात से ही नई फ्लड रिलीफ कम्पनी का गठन कर एसडीआरएफ की कार्यदक्षता को बढ़ाना अपनी प्राथमिकता बताया था। फ्लड कंपनी के गठन हेतु उत्तराखंड पुलिस की विभिन्न शाखाओं से शारारिक दक्षता व मेडिकल परीक्षण में फिट जवानों की नियुक्ति की जाएगी। पुलिस महानिदेशक के दिशा निर्देशन में मणिकांत मिश्रा द्वारा अपने निकट पर्यवेक्षण में नई फ्लड रिलीफ कंपनी हेतु चयन प्रकिया का आगाज़ कर दिया गया है। शाररिक दक्षता एवम मेडिकल परीक्षण में फिट पाए गए अभ्यर्थियों को बेसिक फर्स्ट रेस्पांडर कोर्स के साथ-साथ एडवांस राफ्टिंग कोर्स, लाइफ सेविंग कोर्स, मोटर बोट हैंडलिंग प्रशिक्षण व डीप डाइविंग प्रशिक्षण करवाया जाएगा। भारत के प्रसिद्ध प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण देकर अंडर वाटर ड्रोन, सोनार सिस्टम, स्कूबा डाइविंग सैट, मोटर बोट, राफ्ट, कोल्ड वाटर रेस्क्यू सूट जैसे आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। नई फ्लड रिलीफ कम्पनी को कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में जलीय आपदा एवम दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील स्थानों पर व्यवस्थापित किया जाएगा, जिससे एसडीआरएफ की त्वरित रेस्क्यू प्रतिवादन की गुणात्मक वृद्धि होगी और मानव क्षति न्यूनीकरण को बढ़ावा मिलेगा। विशेष दक्षता प्राप्त इस नवीन बल का सृजन निश्चित तौर पर प्रदेशवासियों के लिये अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा।*
आज दिनाँक 27 दिसम्बर 2021 को एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय, जॉलीग्रांट में चयन प्रक्रिया को आरंभ करते हुए उत्तराखंड पुलिस की विभिन्न आनुषंगिक शाखाओं से आये हुए अभ्यर्थियों का कोरोना के दृष्टिगत सर्वप्रथम कोविड टेस्ट कराया गया जिसके पश्चात भारत सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन्स का पालन कराते हुए चयन प्रक्रिया को प्रारम्भ किया गया।