कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 जनवरी को मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत न्याय यात्रा’ शुरू करेंगे
कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि पार्टी नेता राहुल गांधी की अगुवाई में 14 जनवरी से 20 मार्च तक मणिपुर से मुंबई (पूरब से पश्चिम) तक ‘भारत न्याय यात्रा’ निकाली जाएगी। पार्टी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले आयोजित की जाने वाली यह यात्रा 67 दिन में 14 राज्यों और 85 जिलों से होकर गुजरेगी। ‘भारत न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,200 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी। यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। गांधी की 136 दिन की इस यात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए चार हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गई थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जहां गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान ‘‘आर्थिक असमानताओं, ध्रुवीकरण और तानाशाही’’ के मुद्दों को उठाया था, वहीं ‘भारत न्याय यात्रा’ में देश के लोगों के लिए आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पार्टी जिसके शासनकाल में 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों सहित लोगों पर कई तरह के अन्याय हुए, वह ‘न्याय’ की बात कर रही है और ‘केवल नारेबाजी’ से लोग ‘मूर्ख नहीं बनेंगे। रमेश ने कहा कि‘भारत न्याय यात्रा’ मणिपुर, नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 14 जनवरी को इंफाल से यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस यात्रा को आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। रमेश ने कहा कि कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर में 28 दिसंबर को एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि रैली का शीर्षक होगा ‘हैं तैयार हम’ और इसके जरिये कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकेगी। पार्टी के महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि इस यात्रा में देश की महिलाओं, युवाओं और वंचित समुदाय के लोगों से बातचीत की जाएगी।
कांग्रेस कार्यसमिति की 21 दिसंबर को हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि पार्टी नेता राहुल गांधी को पूरब से पश्चिम तक दूसरे चरण की यात्रा करनी चाहिए, जिसके बाद इस यात्रा की घोषणा की गई है। यात्रा मणिपुर से शुरू करने के कारण के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा कि यह देश का महत्वपूर्ण हिस्सा है, साथ ही पार्टी उस पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के ‘जख्मों पर मरहम’ लगाने की प्रक्रिया शुरू करना चाहती है। मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू होने के बाद से कुकी और मेइती समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 60,000 से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। रमेश ने कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा में एकता, प्रेम और सौहार्द का संदेश फैलाने के बाद गांधी अब देश के लोगों के लिए न्याय मांगेंगे।’’
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जहां संविधान की प्रस्तावना के मूल ‘‘स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व’’ के इर्द-गिर्द केन्द्रित थी, वहीं ‘भारत न्याय यात्रा’ प्रस्तावना के पहले स्तंभ ‘न्याय- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक’ पर केन्द्रित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संविधान पर लगातार हमलों को सफल होने नहीं दिया जाएगा।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य धड़े इस यात्रा में शामिल होंगे, वेणुगोपाल ने कहा कि कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जा रही है। रमेश ने बताया कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान गांधी ने 12 जनसभाओं, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं के साथ ही 13 संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि विपक्षी दल कुछ नारे गढ़कर भारतीयों को मूर्ख नहीं बना सकता। उन्होंने कहा कि ‘‘वास्तविक न्याय’’ वह है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकास देश के हर कोने और हर किसी तक पहुंचे। उन्होंने हर गांव के विद्युतीकरण, गरीबों के लिए मुफ्त राशन, सब्सिडी वाले मकानों के निर्माण और मुद्रा ऋण के प्रावधान जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं का हवाला दिया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘भारत न्याय यात्रा’ निकालने के कांग्रेस के फैसले पर तंज कसते हुए विपक्षी पार्टी पर 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को कई वर्षों तक न्याय दिलाने में विफल रहने और ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग के साथ खड़े होने का आरोप लगाया।