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समस्याओं का निस्तारण तहसील स्तर पर कराने की मांग  

कोटद्वार

राष्ट्रीय राजमार्ग विरोध संघर्ष समिति ने कोटद्वार बाइपास प्रभावितों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया की व्यवस्था तहसील स्तर पर कराने की मांग की है। कहा कि वर्तमान में प्रभावितों को मुआवजे के संबध में पौड़ी मुख्यालय जाना पड़ रहा है, जिसमें उनका धन और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं। मंगलवार को कोटद्वार बाइपास प्रभावित ग्रामीण समिति अध्यक्ष आशीष रावत के नेतृत्व में तहसील में एकत्रित हुए। तत्पश्चात उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में कोटद्वार के नाथूपुर, बिशनपुर, जीतपुर, रतनपुर व ग्रास्टनगंज के बाईपास प्रभावितों को भूमि का मुआवजा तय करने की प्रक्रिया गतिमान है। ग्रामीणों को इस कार्य के लिए पौड़ी मुख्यालय जाना पड़ रहा है। जिसमें ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुआवजा प्रक्रिया की व्यवस्था तहसील स्तर पर ही कराई जानी चाहिए। ज्ञापन में 50 से 60 साल पहले बसे एस सी, एस टी व ओ बी सी जाति के लोगों को भूमिधरी के हिसाब से मुआवजा देने, गोल खाते में प्रभावित लोगों को ही मुआवजा देने, जमीन और मकानों का सही ढ़ंग से मूल्यांकन कर मुआवजा तय करने और तहसील स्तर से रजिस्ट्री व दाखिल खारिज में हुई गलती को सुधारने की मांग भी की गई है। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में गमाल सिंह रावत, कमलेश कोटनाला, सुनील रावत, कुलदीप रावत, भजन सिंह, पूरण सिंह, सतेंद्र सिंह और महिंद्रपाल सिंह सहित अन्य बाइपास प्रभावित शामिल रहे।