पीएम मोदी की ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम सुनने वाले छात्रों से सौ रुपये लेने का मामला
देहरादून
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम न सुनने वाले छात्रों से 100 रुपये और मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाने को लेकर जीआरडी एकेडमी शिक्षा विभाग को गुमराह कर रहा है। इस अवसर पर आरिफ खान के अनुसार अभिभावक ग्रुप में आये एक मैसेज का संज्ञान लेते हुए एक शिकायती पत्र मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को लिखा था जिसमे निरंजनपुर स्थित जीआरडी एकेडमी द्वारा बीते दिनों रविवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम मन की बात न सुनने या ऑफलाइन हो जाने की दशा मे छात्रों पर 100 रुपये लाने या मेडिकल जमा कराने के सम्बंध मंे लिखा गया था। इस अवसर पर नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) के अध्यक्ष आरिफ खान ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्यवाही किये जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि जिस पर शिक्षा विभाग की ओर से तुरंत कार्रवाई करते हुए जीआरडी एकेडमी को तीन दिन के अंदर अपना पक्ष रखने का नोटिस जारी किया था और उचित जवाब न होने शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत स्कूल पर कार्यवाई करने के निर्देश जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि चार मई को लिखे शिकायती पत्र का जवाब एनएपीएसआर को कल 15 मई को शिक्षा विभाग द्वारा भेजा गया एक पत्र प्राप्त हुआ जबकि वो पत्र अपनी तय सीमा के अनुसार तक प्राप्त हो जाना चाहिए था, जोकि एक 10 दिन लेट है। उन्होंने कहा कि और स्कूल द्वारा यह गलत सूचना देना की ये मैसेज स्कूल की किसी एक शिक्षिका द्वारा व्यक्तिगत तौर पर भेजा गया था सरासर गुमराह करना है। उन्होंने कहा कि जबकि यह मैसेज स्कूल द्वारा अन्य ग्रुप मे भी भेजे गए थे और एसोसिएशन आपको अवगत करवाना चाहती है कि छुट्टी की एप्लिकेशन के साथ छात्रों से इस स्कूल द्वारा 20 रुपये भी लेने के आदेश स्कूल ने जारी किये हुए हैं जो कि न्यायसंगत नही है। उन्होंने बताया कि जिस पर एसोसिएशन को आपत्ति है क्योंकि जब एक अभिभावक अपने बच्चे की छुट्टी के लिए स्कूल को प्रार्थना पत्र दे रहा है तो इसे 20 रुपये स्कूल को देने क्यों आवश्यक हैं। स्कूल द्वारा छात्र ग्रुप मे भेजे गए सभी सन्देश इस आशय के साथ पुनः प्रेषित किये जा रहे हैं ताकि शिक्षा विभाग इन सभी साक्ष्यों के संज्ञान लेते हुए स्कूल के विरुद्ध शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उचित कार्यवाई सुनिश्चित कर सके। एसोसिएशन द्वारा दिये गए साक्ष्यों को संज्ञान मे लेते हुए स्कूल द्वारा शिक्षा विभाग को भ्रमित करने व गुमराह करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए स्कूल के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाई करने की आवश्यकता है।