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पीएम एवं सीएम से जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम आदिगुरू शंकराचार्य के नाम से किये जाने का अनुरोध

देहरादून

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम आदिगुरू शंकराचार्य के नाम से किये जाने का अनुरोध किया है। यहां जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि उत्तराखण्ड को देवभूमि होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड सदियों से अनेकानेक ऋषि-मुनियों, मनीषी एवं युग पुरुषों की जन्म एवं कर्म स्थली रहा है तथा इन्हीं मनीषी युगपुरूषों में आदिगुरु शंकराचार्य भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में आदिगुरु शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु शंकराचाय ने भी ज्योतिर्पीठ के रूप में चार धामों में से एक धाम श्री बद्रिकाश्रम की स्थापना यहां पर की और अपने महाप्रयाण के लिए भी उन्होंने भगवान श्री केदारनाथ की पवित्र धरती का वरण किया। इस अवसर पर करन माहरा ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नामकरण अनंत श्री विभूषित आदिगुरु शंकराचार्य के नाम से किये जाने हेतु विभिन्न अवसरों पर साधु संतों के शिष्टमंडल ने आपसे भेंट कर अनुरोध भी किया गया तथा कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में भारत सरकार को विधिवत प्रस्ताव भेजा गया था परन्तु सरकार द्वारा अभी तक उस प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का गौरव एवं वैभव प्रातः स्मरणीय आदिगुरू शंकराचार्य जी का वरदान है। उन्होंने कहा कि यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पवित्र स्थलों का दर्शन कर पुण्य प्राप्त करते है। आदिगुरू शंकराचार्य जी का उत्तराखण्ड से गहरा नाता रहा है। आदिगुरू शंकराचार्य जी की चिर स्मृतियों को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए यदि जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट का नाम आदिगुरू शंकराचार्य के नाम से किया जाता है तो उससे देवभूमि का गौरव बढ़ेगा। उन्होंने पत्र में कहा है कि जिस प्रकार देहरादून से दिल्ली एवं दिल्ली से देहरादून को चलने वाली एसी एक्सप्रेस का नाम बदलकर नन्दा देवी एक्सप्रेस किया गया है उसी प्रकार जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट का नामकरण आदिगुरू शंकराचार्य के नाम से किया जा सकता है, और मुझे ऐसा लगता है कि इस प्रस्ताव पर किसी भी राजनैतिक दल को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।