अटल विश्व में अटल धरा पर अटल तुम्हारा नाम है
रुडकी
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जयंती एवं सुशासन दिवस के अवसर पर संस्कार भारती रुड़की महानगर इकाई कर ओर से, गंगा कुंज, संघ कार्यालय मालवीय चौक, रुड़की में भव्य अटल स्मृति काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ. मधुराका सक्सेना ने की। मुख्य अतिथि सुबोध पुंडीर सरित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कवि राजकुमार उपाध्याय, कवि मनीष श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। दीप प्रज्वलन के साथ भारत माता एवं अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा पर माल्यार्पण के उपरांत, राजकुमार उपाध्याय ने मां सरस्वती की वंदना एवं पुष्प माला अर्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कवियों की ओर से अटल बिहारी वाजपेई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए एक से बढ़कर एक सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की गईं। मनीष श्रीवास्तव ने कहा… कि अटल विश्व में अटल धरा पर अटल तुम्हारा नाम है, धरती से अंबर तक गूंजे अटल तुम्हारा काम है।
राम शंकर सिंह ने सुनाया कि हे अटल आप सा दूसरा न रहा, आपका कद बड़ा था बड़ा ही रहा। साफगोई की यादें रहेंगी अमर, यह वतन आपको याद करता रहा। दिनेश वर्मा ने सुनाया कि सबसे थी यारी बात करते थे प्यारी-प्यारी, देश भक्ति में ही लीन अटल बिहारी थे। सौ सिंह सैनी ने कहा.. कि सच्चे देशभक्त रहे नीति में सशक्त रहे, भारत के रत्न रहे अटल को नमन है।
इसके अलावा राजकुमार उपाध्याय, डॉ. मधुराका सक्सेना, किसलय क्रांतिकारी, सुबोध पुंडीर, पंकज गर्ग, डॉ. अनिल शर्मा ने भी काव्यापाठ किया। कार्यक्रम में प्रवीण रोड, विनय सैनी, आशीष सैनी, पूजा नंदा और पंकज नंदा आदि मौजूद रहे।