कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया
पिथौरागढ़।
एलएसएम महाविद्यालय में पहाड की युवतियां कथक नृत्य की बारीकियां सीख रही हैं। प्रतिदिन 50 से अधिक युवतियां कथक नृत्य का प्रशिक्षण ले रही हैं। पिथौरागढ़ के एलएसएम महाविद्यालय में कथक धरोहर संस्था की ओर से कथक नृत्य का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें संस्था के महासचिव सदानंद विश्वास,नृत्यांगना रीतिका सेठी,दीक्षा थपलियाल,मनोज सरकार ने नृत्य की विधाएं बताई। तबला वादक सर्वप्रिय गुप्ता ने तबले की बारीकियां सिखाई। संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.इंदु आर्या ने कहा कि कथक का संबध कथाकारों से है,जो प्राचीन समय में लोगों को पौराणिक कथाएं,रामायण,महाभारत महाकाव्यों जैसे धार्मिक ग्रंथो की कथाएं बताते थे। मुगलकाल में यह चरम पर पहुंची और 19वीं सदी के बाद लखनऊ,जयपुर सहित अन्य राजदरबारों व कथक केंद्रो का विकास हुआ। इस दौरान डॉ.सरोज वर्मा,डॉ.देवजनी अधिकारी,डॉ.रिचा तिवारी,डॉ.कविता जोशी,डॉ.रश्मि टम्टा सहित अन्य लोग शामिल रहे।